नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का फोन टेप करने के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी को क्राइम ब्रांच ने आज दिल्ली में पूछताछ के लिए बुलाया है. लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर आगामी 13 जनवरी तक हाईकोर्ट की तरफ से रोक लगी हुई है.
जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ था. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी. इस पर क्राइम ब्रांच ने बीते मार्च में एफआईआर दर्ज की थी. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके साथ ही गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों एवं पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे.
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सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है. पूरे मामले को लेकर क्राइम ब्रांच ने लोकेश को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. लोकेश को शुक्रवार सुबह प्रशांत विहार स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर में 11 बजे बुलाया गया है. यहां पर एसीपी के नेतृत्व में जांच अधिकारी द्वारा फोन टैपिंग को लेकर पूछताछ की जाएगी. इस मामले में लोकेश की भूमिका को लेकर यह पूछताछ होगी. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चीफ व्हिप महेश जोशी से बीते जून में पूछताछ की गई थी. इस एफआईआर के खिलाफ लोकेश ने हाईकोर्ट में अपील कर रखी है और आगामी 13 जनवरी तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत में बताया था कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत थी. 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चला, जो एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी. मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप उन्हें दी थी. क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
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