नई दिल्ली: मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले एक जालसाज को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से छह मोबाइल और आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं. इसके अलावा उनके बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं, जिनमें लगभग 14.50 लाख रुपये हैं. आरोपियों के नाम दीपक कुमार वर्मा और वीरेंद्र प्रसाद है. इन्हें बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया गया है.
डीसीपी मनोज. सी के अनुसार, चितरंजन पार्क थाना इलाके में ठगी की एक एफआईआर बीते दिनों दर्ज हुई थी. इसमें कारोबारी को मोटे मुनाफे का झांसा देकर 60 लाख रुपये ठगे गए थे. जीएसटी फीस, प्रोसेसिंग फीस, प्लान फीस, एनरोलमेंट फीस एवं अन्य चार्ज के नाम पर यह रकम ठगी गई थी. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज कुमार, एसआई राकेश मलिक एवं मनीष की टीम छानबीन कर रही थी. टेक्निकल सर्विलांस के जरिए इस गैंग के बारे में जानकारी जुटाई गई. इनके बैंक अकाउंट को भी खंगाला गया.
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पुलिस टीम ने छानबीन के दौरान बिहार से वीरेंद्र को गिरफ्तार किया. वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने अपना बैंक खाता 50 हजार रुपये में दीपक को किराए पर दिया था. इसके अलावा उसमें आने वाली राशि पर उसे कमीशन भी मिलती थी. इसके बाद छानबीन कर रही पुलिस टीम ने दीपक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया जो बिहार के नालंदा का रहने वाला है. फिलहाल वह पटना में रहता था. दीपक ने पुलिस को बताया कि उसने एचडीएफसी बैंक के 7 खाते खोल रखे थे जिनमें ठगी की रकम को मंगाया गया. इसमें आने वाली रकम को वह एटीएम मशीन के जरिए निकाल लेता था. ठगी के बाद उसने सिम कार्ड और मोबाइल को नाले में फेंक दिया था. उसने पुलिस को बताया कि वह कम से कम 10 लाख रुपये उन लोगों से ठगता था जो उसकी स्कीम में पैसे लगाना चाहते थे.
गिरफ्तार किया गया वीरेंद्र प्रसाद झारखंड का रहने वाला है. वह ग्रेजुएट है और कई निजी बैंक में नौकरी कर चुका है. दूसरा आरोपी दीपक वर्मा नालंदा का रहने वाला है. उसने नालंदा यूनिवर्सिटी से बीएससी किया है. इसके बाद वह एक फर्जी आयुर्वेदिक संस्थान में काम करता था जहां पर दवा की जगह पाउडर को पैक किया जाता था. दवा देने के नाम पर वह लोगों से पहले ठगी करता था. अभी के समय में वह लोगों को कारोबार में मुनाफे का झांसा देकर उनसे ठगी करता था.