दिल्ली में 11 कारों के साथ चोर गिरफ्तार, शातिर इतना कि चोरी के बाद कराता था प्लास्टिक सर्जरी

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Published : Sep 14, 2022, 7:01 PM IST

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दिल्ली की एएटीएस पुलिस ने एक कुख्यात ऑटो लिफ्टर को गिरफ्तार किया है. इसके गिरोह के सदस्य चोरी के वाहन को बिचौलिए के जरिए जम्मू कश्मीर और उड़ीसा ले जाते थे और ऊंचे दामों पर बेचते थे. इसकी गिरफ्तार के साथ ही पुलिस ने 12 मामले सुलझाने का दावा किया है.

नई दिल्ली : दिल्ली के साउथ ईस्ट (South East Delhi) जिले के AATS टीम ने कुख्यात ऑटो लिफ्टर (Auto Lifter) के साथ दो रिसीवर सुहैल उर्फ जाना और आदिल इरशाद भट्ट को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 11 चोरी की कारें, सात नकली नंबर प्लेट, एक इलेक्ट्रॉनिक पैड, एक डोंगल और कारों को चोरी करने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए हैं. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने 12 मामले सुलझाने का दावा किया है.

डीसीपी साउथ ईस्ट ईशा पांडे ने बताया कि एएटीएस पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि ऑटो लिफ्टिंग में शामिल दो व्यक्ति अपने दोस्तों से मिलने के लिए एमबी रोड के रास्ते संगम विहार की ओर से बदरपुर आएंगे. सूचना के आधार पर पुलिस ने पुल प्रह्लाद पुर में जाल बिछाया. रात करीब 10 बजे पुलिस ने संगम विहार की ओर से आने वाली एक कार देखी. इसके बाद पुलिस ने कार को रोका और दोनों लोगों को पकड़ लिया.

तकनीकी निगरानी से वह कार थाना तिलक नगर से चोरी की पाई गई. पूछताछ करने पर उनकी पहचान कुणाल और सुहैल के रूप में हुई. उसके साथ ही आदिल इरशाद भट्ट को भी गिरफ्तार किया गया. इनकी निशानदेही पर उसके कब्जे से चोरी की कारें बरामद की गईं.

कुख्यात ऑटो लिफ्टर

पूछताछ में आरोपी कुणाल ने बताया कि वह दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से अपने साथियों के साथ कार चोरी करता था. गिरफ्तारी से बचने के लिए, उसने कई प्लास्टिक सर्जरी कराई. उसने चोरी की कारों को रिसीवर सुहैल और आदिल इरशाद को दिया था.

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जांच से पता चला है कि किसी विशेष वाहन की चोरी से पहले वे वाहन की तलाशी लेते थे जिसे बीमा कंपनियों द्वारा खातों आदि के कारण कुल नुकसान वाहन के रूप में घोषित किया गया था. ये वाहन अपने दस्तावेजों के साथ गिरोह के सदस्यों द्वारा स्क्रैप डीलरों के माध्यम से उच्च दर पर खरीदा जाता था. इसके बाद चोरी किए गए वाहन के मूल इंजन नंबर और चेसिस नंबर को बदल देता था. फिर चोरी की कार पर कुल नुकसान वाहन का इंजन नंबर और चेसिस नंबर उकेरा जाता था. इस ट्रिक से चोरी हुए वाहनों को असली वाहन की पहचान दी जाती थी.

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पुलिस को यह भी पता चला कि गिरोह के सदस्य चोरी के वाहन को बिचौलिए के जरिए जम्मू कश्मीर और उड़ीसा में ले जाते थे. फिर बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर अच्छा खासा पैसा कमाते थे. इस मामले में जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने के लिए मामले की जांच जारी है. आरोपी कुणाल उर्फ तनुज उर्फ तरुण उर्फ विजय अमर कॉलोनी, दिल्ली का रहने वाला है. वह 5वीं तक पढ़ाई की है. यह पहले से चोरी, हत्या के प्रयास के 82 मामलों में शामिल है.

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