नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई मामलों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के खिलाफ जारी सर्च वारंट पर रोक लगा दी है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने सर्च वारंट के खिलाफ महमूद प्राचा की याचिका पर 12 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश जारी किया.
दरअसल बीते 9 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल महमूद प्राचा के निजामुद्दीन पूर्व स्थित दफ्तर पर छापा मारने गई थी, लेकिन दफ्तर में ताला लगे होने की वजह से खाली हाथ लौट आई.
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इसके बाद प्राचा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सुनवाई के दौरान प्राचा ने कहा कि दिल्ली पुलिस पहले छापा मारकर सारे जरूरी दस्तावेज हासिल कर चुकी है ऐसे में अब किसी पड़ताल की कोई जरूरत नहीं है.
दिल्ली पुलिस पर लगाया परेशान करने का आरोप
महमूद प्राचा ने कहा कि उन्हें परेशान करने के लिए उनके खिलाफ फर्जी मामला बनाया गया है, जिसमें राजनेता, नौकरशाह और कुछ न्यायिक अधिकारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट आदेश करे तो वह अपना कंप्यूटर लेकर कोर्ट में पेश हो सकते हैं.
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दिसंबर 2020 में मारा गया था छापा
आपको बता दें कि प्राचा के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस ने 24 दिसंबर 2020 की दोपहर करीब 12 बजे छापा मारा था.