नई दिल्ली : दिल्ली के कैंट इलाके में 9 साल की दलित मासूम बच्ची के हुए कथित रेप और हत्या कांड के बाद लोग सड़कों पर हैं. इसी कड़ी में मासूम गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली के सुल्तान पुरी में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जयकिशन ने अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ कैंडल मार्च निकालकर गुड़िया को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
देश की राजधानी दिल्ली के कैंट इलाके में कथित रूप से हुए 9 साल की मासूम गुड़िया के रेप के बाद जबरन अंतिम संस्कार केस ने उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की यादें ताजा कर दी हैं. जिसे लेकर अब राजधानी दिल्ली में भी जबरदस्त धरना प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. गुरुवार को दिल्ली के सुल्तानपुरी में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जयकिशन की अगुवाई में सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मासूम गुड़िया को श्रद्धांजलि देते हुए कैंडल मार्च निकाला गया. इस दौरान मार्च में शामिल लोगों ने मासूम की आत्मा की शांति के लिए मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सुल्तानपुरी की तमाम सड़कों और गलियों से होते हुए कैंडल मार्च निकाला. जिसके बाद सुल्तान पूरी के जगदंबा मार्केट में कैंडल मार्च का समापन किया गया. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और यह साफ किया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस दोनों सरकार को पूरी तरीके से घेरने का मन बना चुकी है.
दरअसल बीते रविवार को कैंट इलाके के पुरानी नांगल में 9 साल की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. जिसके बाद शमशान घाट के ही कर्मचारियों ने शव का बिना परिजनों की इजाजत के दाह संस्कार कर दिया था. इस घटना के बाद बच्ची के माता-पिता के शोर मचाने पर स्थानीय लोगों ने जलती चिता को पानी डालकर बुझा दिया था. इस मामले में स्थानीय लोगों और बच्ची के माता-पिता का आरोप था की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई है. साथ ही उसके मां-बाप को धोखे में रखकर उसके शव का दाह संस्कार कर दिया गया है. मामला सामने आने के बाद मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
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बरहाल अब इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने की बात कही गई है. अब देखना होगा की 9 साल की मासूम और उसके मां बाप को आखिरकार कब तक इंसाफ मिलता है. इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज होती जा रही है. शायद इसी का परिणाम है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों के लोग इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं.