नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से जंग के लिए सोमवार को दिल्ली सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया. दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Delhi Environment Minister Gopal Rai) ने ग्रीन वार रूम (Green War Room) की शुरुआत की. उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि वह अपना सहयोग बनाए. जिससे विंटर में भी प्रदूषण कम रहेगा. उन्होंने कहा कि धूल प्रदूषण के लिए छह अक्टूबर से अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान नियमों का पालन नहीं करने पर पांच सौ वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े निर्माण व ध्वस्तीकरण स्थलों पर कार्रवाई का जाएगी.
गोपाल राय ने कहा कि जाड़े में प्रदूषण की रोकथाम में ग्रीन वार रूम की मुख्य भूमिका होगी. यहां से ग्रीन दिल्ली एप पर आई प्रदूषण संबंधी शिकायतों को तमाम विभागों को भेजा जाएगा. साथ ही सभी संबंधित विभागों के बीच तालमेल बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रीन वार रूम को पहले से बेहतर रूप में लांच किया गया है.
पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के लोगों से प्रदूषण की जंग जीतने में सहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि अगर आज दिल्ली में बीते 10 सालों में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है तो इसमें दिल्ली के लोगों का सहयोग है. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल ने प्रदूषण से जंग में 15 एक्शन प्लान बनाए हैं. 6 अक्टूबर से हम एंटी डस्टिंग कैंपेन भी शुरू करने जा रहे हैं. अगर आपके घर के पास कोई निर्माण कार्य चल रहा है और ग्रीन नेट नहीं लगाया और डस्ट से प्रदूषण हो रहा है तो आप ग्रीन एप डाउनलोड करें और इस युद्ध अभियान में हिस्सा बने.
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उन्होंने कहा कि सभी निर्माण एजेंसियों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. पिछले साल तक 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े निर्माण व ध्वस्तीकरण स्थलों पर एंटी स्मोग गन को अनिवार्य किया गया था. लेकिन, इस बार पांच हजार वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े स्थलों पर एंटी स्मोग गन अनिवार्य है. इसके अलावा, डीपीसीसी की वेबसाइट पर इन सभी को पंजीकरण भी कराना होगा. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की जंग में 25 मॉनिटरिंग स्टेशन का डाटा इस ग्रीन वार रूम में आएगा. दिल्ली ग्रीन एप का डाटा आएगा.फिर सभी डाटा की समीक्षा होगी की किस इलाके में ज्यादा प्रदूषण हो रहा है. इसमें ग्रीन फेलो और इंजीनियर की भूमिका मुख्य रहेगी.