नई दिल्ली: दिल्ली में उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) और केजरीवाल सरकार के बीच सियासी घमासान जारी है. गुरुवार काे विधानसभा का विशेष सत्र समाप्त होने के बाद आप विधायकों का एक समूह राजनिवास के बाहर धरने पर बैठ मुलाकात करने की मांग करने लगा. राजनिवास (Protest outside Delhi Raj Niwas) के बाहर आप विधायकों के हंगामा को देखते हुए शाम चार बजे उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने केजरीवाल सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर आने वाले दिनों में मुझ पर और मेरे परिवार पर इस तरह के निराधार व्यक्तिगत हमले किए जाएं. बता दें, इससे पहले राजनिवास के बाहर प्रदर्शन करने वाले आप विधायकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि
मैंने सुशासन, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर सेवाएं देने का निर्णय लिया है. लेकिन दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हताशा में भटकाव की रणनीति और झूठे आरोपों का सहारा लिया है. उन्हें पता होना चाहिए कि मैं किसी भी परिस्थिति में अपने संवैधानिक कर्तव्यों से विचलित नहीं होऊंगा. दिल्ली के लोगों के जीवन में सुधार के लिए मेरी प्रतिबद्धता अटूट है.
गुरुवार दोपहर विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय के नेतृत्व में उपराज्यपाल से मिलने राजनिवास पहुंचे. दिलीप पांडे ने कहा,
हम सारे विधायक दिल्ली में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था की शिकायत लेकर उपराज्यपाल साहब से मिलने आये. यह सोच कर आये कि उन्हें भी दिल्ली की महिलाओं की चिंता होगी ही. अभी अभी हमें बताया गया है कि एलजी साहब सो रहें हैं. कोई बात नहीं, हम भी यहीं सड़क पर बैठ कर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं.
उपराज्यपाल ने शाम चार बजे के बाद एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि जबसे वे जिम्मेदारी संभाले हैं, सरकार द्वारा किए गए अनैतिक कार्यों पर कार्रवाई की उसे ठीक किया. दिल्ली सरकार द्वारा लागू नई आबकारी नीति में घोटाले की सूचना होने पर उन्होंने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की. बाद में दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने भी वापस ले ली. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कमरे निर्माण में जो घोटाले हुए थे उसे भी ढाई साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब उन्होंने मुख्य सचिव से इस देरी के लिए रिपोर्ट मांगी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर के बिना उपराज्यपाल सचिवालय को फाइलें भेज दी जाती थी, उन्होंने इस परंपरा को खत्म करने का आदेश दिया है.
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले कॉलेजों में कैग की ऑडिट नहीं हुई है. इसकी भी उन्होंने जांच करने के आदेश दिए हैं. कैबिनेट मीटिंग के बाद कैबिनेट नोट उनके पास भेजा जाता है यह भी एक गलत परंपरा है. इसके अलावा विदेशी दूतावास अन्य इलाकों में भी गंदे पानी की आपूर्ति होती है. इसे उन्होंने दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. इसके एवज में आम आदमी पार्टी के विधायक जिस तरह नोटबंदी के दौरान पुराने नोट जमा करने नए नोट बदलने का आरोप लगा रहे हैं, विधानसभा सत्र में अनर्गल आरोप बिना सरकार की सहमति से संभव ही नहीं है. उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.
LG के ट्वीट पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि अरविंद जी के खिलाफ इतने सारे ट्वीट? आप इतने ज़्यादा डरे हुए हैं? आपके भ्रष्टाचार के खिलाफ भी तो ज़ीरो टॉलरन्स होनी चाहिए? KVIC कार्यकाल के दौरान के आपके कई मामले लोग बता रहे हैं. क्या आपने अपनी बेटी को बिना टेंडर ठेका दिया था? क्या मोदी जी को इसके बारे में पता है?
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसाेदिया ने ट्वीट कर लिखा, मैंने कुछ गलत नहीं किया था, इसलिए मुझे डर नहीं लगा. मेरी पूरी जांच हुई और कुछ नहीं मिला. पूरे देश के सामने मेरी ईमानदारी फिर से साबित हो गई. आप जांच से इतने ज़्यादा क्यों डर रहे हैं? लगता है मामला कुछ ज़्यादा ही गड़बड़ है.
बता दें, विधानसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिस तरह खादी ग्रामोद्योग के दोनों कैशियर के लिखित शिकायत को ही आधार बनाते हुए विधानसभा में उपराज्यपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनके इस्तीफे की मांग की थी. बुधवार को उपराज्यपाल ने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया था. उपराज्यपाल ने आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और सरकार में दिल्ली डायलॉग कमीशन के प्रमुख जैस्मीन शाह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. इन सबने जो बात कही है वे झूठे, मनगढ़ंत आरोप हैं.