नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत के सबसे बड़े 635 मिलियन प्रतिदिन क्षमता वाले सिंगल फेज के सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र सहित 26.80 मिलियन लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय का दौरा कर निरिक्षण किया. करीब 35 एकड़ भूमि में फैले इस भूमिगत जलाशय से आसपास के रहने वाले करीब 3.5 मिलियन निवासियों को जलापूर्ति की जाएगी.
इस दौरान राघव चड्ढा ने कहा कि बारिश के कारण यमुना और गंगा से आने वाले कच्चे पानी में गाद और गंदगी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की टीम लगातार काम कर रही है, ताकि दिल्ली के निवासियों को किसी भी कीमत पर पेयजल की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता न करना पड़े. वहीं चढ्ढा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोनिया विहार भूमिगत जलाशय का कार्य 3 महीने के अंदर अवश्य पूरा कर लिया जाए, ताकि मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र और सोनिया विहार के आसपास के निवासियों को पर्याप्त प्रेशर के साथ भरपूर जल आपूर्ति दिया जा सकें.
क्षेत्र में जलापूर्ति सुधारने का उद्देश्य
बता दें कि जेआईसीए की सिफारिशों के आधार पर मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र, सोनिया विहार और उसके आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति बढ़ाना सुनिश्चित करने के लिए 26.80 मिलियन लीटर क्षमता के भूमिगत जलाशय का निर्माण किया जा रहा है. इस भूमिगत जलाशय की कुल लागत 36 करोड़ रुपये है. इस भूमिगत जलाशय के चालू होने से अनाधिकृत कालोनियों जैसे शिव विहार, अंकुर एंक्लेव, महालक्ष्मी एंक्लेव, जौहरीपुर, दयालपुर, भगतसिंह कालोनी, जियाउद्दीन नगर, अंबेडकर नगर, भागीरथी विहार, नेहरू विहार आदि क्षेत्रों के लगभग 6 लाख निवासियों को पानी वितरण और जलापूर्ति पर्याप्त प्रेशर के साथ उपलब्ध कराई जा सकेगी.