नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मंत्री और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन (Minister Satyendra Jain) को अस्वस्थ मस्तिष्क वाला व्यक्ति करार देकर उन्हें विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने 16 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने का प्रावधान है. ऐसे में अभियोजन और कोर्ट को उचित फैसला लेना है. यह याचिका आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील रुद्र विक्रम सिंह ने कहा था कि ईडी से पूछताछ के दौरान सत्येंद्र जैन ने खुद माना है कि वह कोरोना का शिकार होने के बाद अपनी याददाश्त खो चुके हैं. इसकी जानकारी एएसजी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को भी दी थी. याचिका में कहा गया था कि नियमों के मुताबिक अस्वस्थ मस्तिष्क के चलते सत्येंद्र जैन पद पर बने रहने के अधिकारी नहीं हैं. उनके द्वारा इस दरमियान लिए गए सभी फैसलों को भी रद्द किया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार को सत्येंद्र जैन की दिमागी हालत की पड़ताल के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए. बता दें कि छह अगस्त तक सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य आधार पर दायर अंतरिम जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट से वापस ले लिया था. सत्येंद्र जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.