नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिया है वो अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के सरकारी गवाह राजीव सक्सेना का जब्त पासपोर्ट वापस करे. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने 25 जनवरी 2019 को राजीव सक्सेना का पासपोर्ट जब्त करने का आदेश निरस्त करते हुए ये आदेश दिया.
राजीव सक्सेना की ओर से वकील आरके हांडू और रजत मनचंदा ने कहा कि पासपोर्ट जब्त करने का आदेश निरस्त किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने के पहले याचिकाकर्ता का पक्ष नहीं सुना गया. उन्होंने कहा कि पासपोर्ट जब्ती का आदेश अनिश्चित काल के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता है.
'दुबई से पकड़कर लाना था इसलिए पासपोर्ट जब्त किया गया'
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वकील अजय दिगपाल और डीपी सिंह ने कहा कि राजीव सक्सेना का पासपोर्ट उसे दुबई से भारत लाने के लिए जब्त किया गया था. भारत की दुबई के साथ प्रत्यर्पण संधि है. ऐसी आशंका थी कि वो किसी तीसरे देश में भाग जाएगा, ऐसे में उसे भारत लाना काफी मुश्किल हो सकता था और अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच पर असर पड़ सकता था. 1 मई 2019 को पासपोर्ट जब्त करने का आदेश इसलिए बढ़ाया गया क्योंकि जांच अभी चल रही थी और राजीव सक्सेना से पूछताछ करनी थी.
जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया गया था
बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही हैं. राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी 2019 को भारत लाया गया था जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी 2019 की सुबह ही गिरफ्तार किया था. राजीव सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना हैं. शिवानी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के अलावा दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी की भी डायरेक्टर हैं. रिश्वत देने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की रकम, तीन कंपनियों से होकर आयी थी.