नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्लिम लॉ के तहत शादी करने वाले एक मामले को लेकर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. दरअसल, मुस्लिम लॉ के तहत शादी करने वाले लोगों की शादी का रजिस्ट्रेशन स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत करने के लिए बाध्य करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया.अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता धनक फॉर ह्युमैनिटी को निर्देश दिया कि वो दिल्ली सरकार के जवाब पर अपना जवाबी हलफनामा दायर करें. याचिकाकर्ता की ओर से वकील उत्कर्ष सिंह ने कहा कि मुस्लिम लॉ के तहत हुई शादियों को कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से पक्षकारों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दोनों शादियों की प्रक्रिया अलग-अलग है. ऐसे में मुस्लिम लॉ के तहत शादियां करने वाले पक्षकारों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी रजिस्ट्रेशन करने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए.
याचिकाकर्ता धनक फॉर ह्यूमैनिटी ने यूपी के एक मुस्लिम जोड़े की ओर से याचिका दायर किया है. दोनों की शादी का परिजन विरोध कर रहे थे, जिसकी वजह से वे यूपी से दिल्ली आए. दोनों को पहले तो अपनी शादी करने में परेशानी हुई और अब उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 30 दिनों का नोटिस प्रकाशित किया जाता है.
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