नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोग्य सेतु ऐप से एक ई-फार्मेसी कंपनी को लिंक करने पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को दस दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी.
'सरकार वेबसाइट को कैसे प्रमोट कर सकती है'
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग, अमित गुप्ता और मानसी कुकरेजा ने कोर्ट को नीति आयोग के सीईओ की ओर से इस संबंध में किए गए ट्वीट्स के बारे में बताया, जिसमें लाईसेंस धारकों द्वारा होम डिलीवरी की बात कही गई है.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने ई-फार्मेसी कंपनियों को आनलाइन दवाईयां बेचने पर रोक लगाई है. ऐसे में सरकार उन्हें कैसे प्रमोट कर सकती है.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी मनिंदर आचार्य और कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अभी असाधारण परिस्थिति आई है. कोरोना मरीजों को दवाईयां आसानी से मिल सकें. इसके लिए आरोग्य सेतु ऐप को डेवलप किया गया है.
तब कोर्ट ने पूछा कि जब होम डिलीवरी की अनुमति है तो स्थानीय मेडिकल स्टोर दवा की सप्लाई क्यों नहीं कर सकता है. इसके लिए वेबसाइट पर लिस्ट करने की क्या जरुरत है.
'ऐप पर वेबसाइट लिंक करने का विरोध'
याचिका साउथ केमिस्ट एंड डिस्ट्रिब्युटर्स एसोसिएशन ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित गुप्ता और मानसी कुकरेजा ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप से http://www.aarogyasetumitr.in नामक वेबसाइट को लिंक किया गया है.
ये बेवसाईट दवाईयों की बिक्री, उनका मार्केटिंग और प्रमोशन करती है. किसी सरकारी ऐप का इस्तेमाल किसी निजी वाणिज्यिक उपक्रम को बढ़ावा देने में नहीं किया जा सकता है.
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को निर्देश दे कि वो नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और नीति आयोग को निर्देश दे कि आरोग्य सेतु ऐप से मिले-जुले नामों का इस्तेमाल निजी वाणिज्यिक हितों को पूरा करने के लिए नहीं हो. आरोग्य सेतु ऐप का होमपेज खुद ही इस वेबसाइट का लिंक देता है. याचिका में कहा गया है कि इस बेवसाइट को तत्काल बंद करने का आदेश दिया जाए.