नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दीवाली पर पटाखे रखने, बेचने और उसके इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले में बदलाव करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग पर सुनवाई टाल दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर 22 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौतम झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ग्रेडेड रेगुलेशन के आदेश का पालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रेडेड रेगुलेशन में दीवाली में दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि हवा की गुणवत्ता के मुताबिक राज्य सरकारें पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण रुप से रोक का कोई आदेश नहीं दिया है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि ग्रीन पटाखे क्या हैं. तब गौतम झा ने कहा कि ग्रीन पटाखों में कुछ केमिकल का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया है. इस पर दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील एसके त्रिपाठी ने कहा कि प्रतिबंधित पटाखों का इस्तेमाल अभी भी किया जा रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है. तब झा ने कहा कि ये चिंता की बात नहीं है. आज की तिथि में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है.
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झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वायु प्रदूषण के लिए पटाखे अकेले जिम्मेदार नहीं हैं. दूसरे कारण भी जिम्मेदार हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि आपकी शिकायत क्या है. क्या दिल्ली सरकार का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. तब झा ने कहा कि हां. तब कोर्ट ने कहा कि तब तो ये अवमानना हुई, आप अवमानना याचिका क्यों नहीं दाखिल कर रहे हैं. तब झा ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं हूं. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या ये मामला कहीं और भी लंबित है. तब एसके त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार करना चाहिए.