नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आप विधायक सोमनाथ भारती के एम्स के सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट मामले में बड़ी राहत दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सेशंस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने सोमनाथ भारती की सजा को निलंबित करने का आदेश दिया है.
सोमनाथ भारती को मिली राहत
हाईकोर्ट ने सोमनाथ भारती को जमानत दे दी है. पिछले 23 मार्च को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने सोमनाथ भारती को जेल भेजने का आदेश दिया था. 42 पन्नों के आदेश में सेशंस कोर्ट ने सोमनाथ भारती को एम्स की दीवार तोड़ने के मामले में प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3(1) के तहत दोषी करार देने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुहर लगाया था.
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सोमनाथ भारती के खिलाफ FIR दर्ज
सेशंस कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 353 के तहत दोषी करार देने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर दिया था. सेशंस कोर्ट ने सोमनाथ भारती को धारा भारतीय दंड संहिता की 147 और 149 के तहत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के दोषी करार देने के आदेश को बरकरार रखते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था. घटना 9 सितंबर 2016 की है. एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को FIR दर्ज कराया था.
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एम्स की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आरोप
आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब 300 समर्थकों के साथ नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे. जब एम्स के सुरक्षा अधिकारियों ने सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है.
इस बाबत जब उनसे कागजात मांगे गए तो वे कोई कागजात नहीं दिखा पाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी और हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आई थीं. FIR के मुताबिक, सोमनाथ भारती के साथ भीड़ ने बाउंड्री वाल पर लगे कंटीले तारों को हटा दिया था.