नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो निजामुद्दीन मरकज के रिहायशी हिस्से की चाभी तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद को दो दिनों के अंदर सौंप दें. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने मौलाना साद को निर्देश दिया कि वो मरकज के किसी दूसरे हिस्से में अगले आदेश तक प्रवेश नहीं करेंगे. याचिका मौलाना साद की मां खालिदा ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज के रिहायशी हिस्से 168, बस्ती हजरत निजामुद्दीन की चाभी सौंपने का दिशानिर्देश जारी किया जाए.
अय्युबी ने कोर्ट से मांग की कि याचिकाकर्ता को रिहायशी परिसर में जाने से न रोका जाए. याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसमें साकेत कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने मरकज के आवासीय हिस्से की चाभी मौलाना साद के परिवार को सौंपने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर रोक लगा दिया था.
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याचिका में कहा गया था कि उसने ट्रायल कोर्ट के फैसले को तुरंत चुनौती इसलिए नहीं दी. क्योंकि उन्हें लग रहा था कि जांच जल्द खत्म हो जाएगी. लेकिन जांच अभी तक जारी है और अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. जांच कछुए की गति से चल रही है. इसके बाद याचिकाकर्ता के पास हाईकोर्ट आने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं था.
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इस मामले में 31 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज की गयी थी और उसके बाद पूरा परिसर खाली करा दिया गया था ताकि सैनिटाइजेशन किया जा सके. परिसर का आवासीय परिसर चार मंजिला है. पूरा परिसर दो हिस्सों में बंटा है, जिसके एक हिस्से में मौलाना साद का पूरा परिवार रहता है.