नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ के एक जवान को उसे मिलने वाले लाभ का भुगतान नहीं करने पर केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा है कि केंद्र सरकार को एक निष्पक्ष पक्षकार होना चाहिए, लेकिन उसका व्यवहार कमोबेश एक निजी पक्षकार की तरह है.
याचिका छत्तीसगढ़ में तैनात एक सीआरपीएफ इंस्पेक्टर ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने सात जनवरी को याचिकाकर्ता के अलावा 23 अन्य सीआरपीएफ जवानों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ देने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को लागू किया गया है. इस पर जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि उसे ये जानकर काफी दुख हुआ कि केंद्र सरकार ने सात जनवरी के कोर्ट के आदेश को तब लागू किया जब ये अवमानना याचिका दाखिल की गई.
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कोर्ट ने कहा कि ये सर्वमान्य है कि जब कोई व्यक्ति कोर्ट पहुंचता है और अपने पक्ष में फैसला पाता है तो सरकार को उसका तुरंत लाभ देना चाहिए. लेकिन केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता को कोर्ट आने के लिए मजबूर किया. सरकार का ये रवैया ठीक नहीं है.
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