नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा है कि वह छात्रों को डिजिटल सिग्नेचर के जरिये ऑनलाइन मोड से डिग्री देने पर विचार करे. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेल और डीन ऑफ एग्जामिनेशंस को निर्देश दिया है कि वो छात्रों को डिग्रियां, मार्कशीट समेत छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष पोर्टल स्थापित करने पर विचार करे.
याचिका लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्रा डॉक्टर अक्षिता खोसला की ओर से दायर की गई है. इन छात्रों ने 2018 में ग्रेजुएट किया था, लेकिन उन्हें अभी तक डिग्री नहीं मिली है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सार्थक मग्गन ने कहा कि डिग्री न मिलने की वजह से याचिकाकर्ता अमेरिका में अपने रेजीडेंस प्रोग्राम के लिए आवेदन नहीं कर पा रही हैं.
डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए प्रिंटर नहीं
सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि उसने डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए प्रिंटर देने के लिए टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि 3 अगस्त से इस टेंडर के लिए बोली लगाने का काम शुरू हो जाएगा और अगस्त के पहले हफ्ते ही टेंडर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाई
कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास प्रिंटर नहीं है. आपको वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए. जिसमें डिजिटल सिग्नेचर के साथ ऑनलाइन डिग्री दी जा सकती है. अगर कोर्ट के डिजिटल सिग्नेचर के साथ आदेश उपलब्ध हो सकता है तो दिल्ली यूनिवर्सिटी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेल और एग्जामिनेशन के डीन को कल यानि 23 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया.