नई दिल्ली: प्रो. देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई को अगली सुनवाई तक टाल देने के फैसले पर दिल्ली में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष ने केजरीवाल पर सिख समुदाय की भावनाओं की परवाह न करने का आरोप लगाया है.
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि सिखों की मजबूत मांग के बावजूद दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता वाले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने प्रो. देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई को अगली सुनवाई तक टाल दिया है. उन्होंने कहा कि यह केजरीवाल की नीयत को दर्शाता है कि वह सिख समुदाय की भावनाओं की कितनी परवाह करते हैं.
प्रो. भुल्लर की रिहाई का आवेदन दिल्ली सरकार की अध्यक्षता वाले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड द्वारा 4 बार खारिज किया जा चुका है. पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान, केजरीवाल ने वादा किया था कि प्रो भुल्लर को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा, अब वह अपने शब्दों से पीछे हट रहे हैं क्योंकि पंजाब विधानसभा चुनाव समाप्त हो गए हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रो. भुल्लर को 1993 में दिल्ली बम विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था और 2011 में मौत की सजा सुनाई गई थी. बाद में, माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 26 साल जेल में कैद रहने और दुनिया भर में सिख संगठनों द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, प्रो भुल्लर अभी भी सलाखों के पीछे है. इस खबर को सुनने के बाद दुनिया भर में सिख संगत में व्यापक आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि जब तक प्रो. भुल्लर की रिहाई नहीं हो जाती तब दिल्ली कमेटी संघर्ष करती रहेगी. उन्होंने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती के अवसर पर प्रो भुल्लर सहित 8 सिख कैदियों को रिहा करने की घोषणा की है, लेकिन केजरीवाल सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन्हें रिहा नहीं कर रही है.
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