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बायो डी कंपोजर घोल के नतीजों के अध्ययन के लिए दिल्ली सरकार बनाएगी कमेटी

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Published : Nov 6, 2020, 6:35 PM IST

पूसा एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित बायो डी कंपोजर घोल के प्रभाव के अध्ययन के लिए एक 15 सदस्यीय कमेटी बनाने जा रही है, जिसमें पांच विधायक भी शामिल होंगे.

delhi govt to form 15 member committee to study bio decomposer effect
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार पूसा एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित बायो डी कंपोजर घोल के प्रभाव के अध्ययन के लिए एक 15 सदस्यीय कमेटी बनाने जा रही है, जिसमें पांच विधायक भी शामिल होंगे. दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

दिल्ली सरकार की प्रदूषण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस



1200 एकड़ में हो चुका है घोल का छिड़काव

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा पिछले एक महीने से युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है, इसके जरिए हम वह सभी कोशिश कर रहे हैं जिससे प्रदूषण कम हो. दिल्ली में पराली को जलाने की जगह गलाने के लिए पूसा के साथ मिलकर सरकार ने बायो डी कंपोजर का मुफ्त में छिड़काव किया था. 12 सौ एकड़ खेत में इसका छिड़काव अब तक किया जा चुका है. लोगों के मन में इसको लेकर काफी सवाल थे, लेकिन हमने जिस तरह इस घोल का छिड़काव किया और इसका जो असर रहा यह हम सभी ने देखा.



15 सदस्य कमेटी करेगी अध्ययन

दिल्ली में बायो डी कंपोजर घोल का छिड़काव के बाद इसके प्रभाव के अध्ययन के लिए दिल्ली सरकार एक 15 सदस्यीय कमेटी बनाने जा रही है, जिसमें 5 विधायक भी शामिल होंगे. इस कमेटी में उषा के पांच वरिष्ठ वैज्ञानिकों को भी शामिल किया गया है. दिवाली के बाद इस कमेटी की रिपोर्ट हम सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे. दिल्ली में 44 फ़ीसदी प्रदूषण पराली की वजह से हो रहा है. सरकार ने निर्णय लिया है कि इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ जो नया कमीशन केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया है, उसके सामने भी रखा जाएगा.



समाधान निकालें राज्य सरकारें

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर किसानों पर एफआईआर किया जा रहा है. जेल में बंद कर रहे हैं. यह समाधान नहीं है. जो सरकारें मशीनों पर सब्सिडी दे रही है उसे भी सस्ता पड़ता है यह बायो डे कंपोज घोल का छिड़काव. हमने सिर्फ 20 लाख रुपय पर में यह छिड़काव कराया है. बाकी सरकारों को भी इस पर काम करना चाहिए. किसानों को जेल भेजना पराली का समाधान नहीं है.

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