नई दिल्ली : दिल्ली के ग्रीन कवर को बढ़ाने और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली सरकार 10 लाख पौधे लगाएगी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हाल ही में हुए व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में 140.74 करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना को मंजूरी दी है. दिल्ली का हरित क्षेत्र बढ़ाने के केजरीवाल सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के निवासियों को स्वच्छ हवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली के हरित क्षेत्र को लगातार बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार अगले मानसून से पहले 10 लाख पौधे लगाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह एक निवेश की तरह है, जो हमारे नागरिकों को बेहतर वातावरण के साथ बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करेगा.
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस परियोजना के एक हिस्से के रूप में दक्षिणी रिज क्षेत्र के असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य, डेरा, मंडी, घिटोरनी, मैदानगढ़ी, रंगपुरी, तुगलकाबाद, पुल पहलादपुर और रजोकरी में स्थित वन क्षेत्र का बड़ा हिस्सा कम सघन है. यहां वन क्षेत्र को सघन करने के लिए लाखों की संख्या में पेड़ लगाए जाएंगे और अन्य प्रजाति के पौधों को नुकसान पहुंचाने वाली प्रजातियों के पेड़-पौधों को हटाने का काम भी किया जाएगा. साथ ही यहां मिट्टी की नमी के संरक्षण सबंधी उपायों को अपनाते हुए पर्यावरण को बहाल करने का काम भी किया जाएगा.
वन विभाग द्वारा इस वर्ष मानसून से पहले 'मिशन मोड' में इन वन क्षेत्रों में 6 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे और अगले मानसून सीजन में चार लाख पौधे लगाए जाएंगे. इन पौधों में अरावली की देशी प्रजातियों के साथ वन विभाग के अपग्रेडेड नर्सरी में विशेष रूप से उगाए गए पौधों की प्रजातियां भी शामिल हैं. पौधरोपण और उनके संरक्षण का काम दिल्ली वन विभाग द्वारा नियुक्त किए गए ‘इको टास्क फ़ोर्स’ द्वारा किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने इसी को देखते हुए अब इको टास्क फोर्स के कार्यकाल को और पांच साल के लिए मंजूरी दे दी है. बता दें कि इको टास्क फ़ोर्स में टेरिटोरियल आर्मी के भूतपूर्व सैनिक और अफसरों को शामिल किया गया है. टास्क फ़ोर्स 10 लाख पौधा-रोपण की पूरी प्रक्रिया और पांच साल तक इसके रख-रखाव को मैनेज करने का काम करेगा.