नई दिल्ली : बारिश का मौसम हर वर्ष समस्या लेकर साथ आता है. सड़कों से लेकर नालियों और अंडरपास तक जलभराव हो जाता है. कई दफा, इसकी कीमत लोगों को जान देकर गंवानी पड़ती है. इसके बावजूद, दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियां हर वर्ष बरसात से पहले कुंभकर्ण की नींद में सोये रहते हैं.
पिछले साल मिंटो रोड का जलमग्न होना देश भर में सुर्खियां बना था. इस साल मिंटो रोड तो नहीं डूबा, लेकिन दिल्ली के कई और इलाके और अंडरपास पानी में समाहित हो गए. इस दौरान अलग-अलग इलाकों में तीन लोगों की मौत भी हुई. हालांकि, दिल्ली में बुधवार को बारिश नहीं हुई, लेकिन इससे पहले के लगातार तीन दिनों में जैसी स्थिति दिखी, उसने सरकार पर सवाल खड़े कर दिये.
दिल्ली में, जब भारी बारिश हो रही थी और कई इलाके जलमग्न थे, उस समय दिल्ली सरकार इस समस्या से उभरने को लेकर मीटिंग कर रही थी. उन इलाकों को चिह्नित किया जा रहा था, जहां जलभराव के कारण लोगों को समस्या होती है. दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन से, इसे लेकर बुधवार को सरकार का प्लान सामने रखा.
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सत्येंद्र जैन ने बताया कि पूरी दिल्ली में ऐसे 147 स्पॉट्स को चिह्नित किया गया है, जहां पर जलभराव की आशंका होती है. इनमें से सात को लाइव मॉनिटर किया जा रहा है. इसके लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं. इन सात में मिंटो रोड भी शामिल है. सत्येंद्र जैन ने बताया कि इन सभी जगह पर टीमें तैनात की गईं हैं. वहीं, 250 मोबाइल पंप सहित कुल 1,500 पंप लगाए गए हैं.
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