नई दिल्ली : राजधानी में मानसून के दौरान कुछ देर की बारिश में जिस तरह जलभराव की समस्या से लोग हलकान हो जाते हैं, अबकी बार ऐसा न हो दिल्ली सरकार ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जलभराव होने के जो कारण हैं, उसे हर हाल में 15 जून तक ठीक कर दें. चिन्हित स्थानों पर जलजमाव की समस्या को रोकने के लिए लाखों लीटर क्षमता वाले सबमर्सिबल पंप, स्टॉर्म ड्रेन, पंप हाउस आदि के इंतजाम किए जाएं. पुरानी दिल्ली से नई दिल्ली को जोड़ने वाले स्थान मिंटो ब्रिज पर जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए ऑटोमेटिक पंप लगाए जाएं. साथ ही सीसीटीवी मॉनिटरिंग और वाटर लेवल अलार्म सिस्टम के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की जाए.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार, मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए PWD ने राजधानी के विभिन्न मुख्य जलजमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है, जो भारी बारिश के दौरान भी जलजमाव की स्थिति पैदा नहीं होने देंगे. मनीष सिसोदिया ने इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी चिन्हित स्थानों पर जलजमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. 15 जून से PWD एक सेंट्रल कंट्रोल रूम की भी स्थापना करेगी, जहां से दिल्ली के 10 गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जाएगी.
जलभराव इतनी बड़ी समस्या की लगाना पड़ा बोर्ड. दिल्ली में जलजमाव वाले प्रमुख स्थानों के लिए तैयार एक्शन प्लानपुल प्रह्लादपुर अंडरपास -पिछले साल मानसून के दौरान यहां कई बार जलजमाव हुआ. इस साल दोबारा ऐसी समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत सबमर्सिबल पंप का निर्माण करवा रही है और 600 हॉर्सपावर का एक स्थायी पम्प हाउस भी स्थापित किया जा रहा है. भूमिगत सबमर्सिबल पंप, व पंप हाउस का 80 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.15 जून तक बाकि निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. साथ ही यहां 7 अस्थाई पम्प भी लगाए जा रहे जिनकी कुल क्षमता 500 हार्सपावर होगी. यहां मोनिटरिंग के लिए 7 सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए है जिसके माध्यम से यहां 24 घंटे कण्ट्रोल रूम से स्थिति निगरानी की जाएगी.पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर हर बारिश में होता है जलभराव. जखीरा फ्लाईओवर अंडरपास - यहां मानसून के दौरान रेलवे द्वारा बनाए गए अस्थायी कच्चे नाले से बरसात के मौसम में रेलवे लाइन पर कचरा अंडर पास में गिर जाता है. इसके कारण वाटरपंप जाम हो जाते हैं, जिससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है. इसको लेकर PWD लगातार रेलवे के संपर्क में है. यहां रेलवे लाइन के कचरे को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी स्क्रीन लगा रही है. ये कार्य 10 जून तक पूरा हो जाएगा और जखीरा अंडरपास के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन के मॉडिफिकेशन का कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही नेहरू नगर/आनंद पर्वत से आने वाले स्टॉर्म ड्रेन को री-रूट किया जाएगा. यहां पम्प की क्षमता बढ़ाकर 370 हार्सपावर की जा रही है.
आईपी.एस्टेट रिंग रोड, WHO बिल्डिंग के सामने - रिंग रोड पर जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए यहां नौ पम्प लगाए जा रहे हैं. साथ ही यहां PWD 1.5 लाख लीटर का संप और पुराने आईपी पॉवर प्लांट से यमुना तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण कर रही है. ये निर्माण कार्य भी जल्द पूरे हो जाएंगे.
जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड - यहां जलजमाव को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी के एक्शन प्लान में सर्विस रोड के साथ एक नाले का निर्माण, मुकरबा चौक बाउंड से मुख्य सड़क के बीच पुराने एसडब्ल्यू ड्रेन का पुनर्निर्माण, रामगढ़ और महेंद्र पार्क आदि की ओर मुख्य सड़क के साथ एसडब्ल्यू ड्रेन की रीमॉडलिंग व स्थायी पम्प हाउस का निर्माण शामिल है.इन सभी जगहों पर निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही यहां पीडब्ल्यूडी द्वारा डी-सिल्टिंग का काम भी लगभग पूरा किया जा चुका है. 15 जून तक सभी नालों की सफाई का दिया आदेश. मिन्टो-ब्रिज - एक साल पहले तक मिन्टो-ब्रिज के नीचे कम बारिश होने पर भी जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती थी. इसे दूर करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा पिछले साल कई स्थायी कदम उठाये गए और अप्रत्याशित बारिश होने के बावजूद यहां लोगों को जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ा. इस साल अपनी तैयारियों को और बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार यहां अल्टरनेट ड्रेनज सिस्टम व आटोमेटिक वाटर पम्प स्थापित कर रही है और ये कार्य 12 जून तक पूरा हो जाएगा. साथ ही यहां पीडब्ल्यूडी द्वारा सीसीटीवी मोनिटरिंग व वाटर लेवल अलार्म सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है. लोनी रोड गोलचक्कर - यहां एक नया पाइपलाइन डाला जा रहा है और मौजूदा इलेक्ट्रिक पंप की कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी.
कराला कंझावला रोड - यहां 3 स्थानों पर पीडब्ल्यूडी द्वारा ट्रोली माउंटेड पंप लगाए जा रहे हैं. साथ ही कराला कंझावला रोड को भी रिपेयर किया जा रहा है, जिससे जलजमाव की स्थिति उत्पन्न न हो सके.दिल्ली में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत 2064 किलोमीटर नाला आता है. विभाग के अनुसार, इसमें से 80 फीसदी नालों के डी-सिल्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है और 15 जून तक बाकि बचा कार्य भी पूरा हो जाएगा.