नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो शराब की होम डिलीवरी करते समय उपभोक्ता का आधार नंबर या उसकी उम्र का वेरिफिकेशन करने वाले दूसरे दस्तावेजों की पड़ताल करने का प्रावधान करेगी. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 18 नवंबर को करने का आदेश दिया.
बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि अभी होम डिलीवरी करने की सुविधा शुरू नहीं की गई है क्योंकि अभी इस नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील पल्लवी सेनगुप्ता ने कहा कि कम उम्र के लोगों को शराब देते समय उनकी पड़ताल करने का कोई मेकानिज्म तैयार नहीं किया गया है.
तब कोर्ट ने मेहरा से पूछा कि आप खरीददार की उम्र का पता कैसे करेंगे. अगर कोई व्यक्ति ई-मेल या ऐप से शराब का ऑर्डर करता है तो आप उसे कैसे वेरिफाई करेंगे. दिल्ली सरकार ने इसका जवाब दिया कि उपभोक्ता को आधार नंबर देना होगा या उसकी उम्र का वेरिफिकेशन किया जाएगा. हालांकि ये सुविधा अभी शुरू नहीं की गई है.
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बीते नौ अगस्त को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब के सेवन की उम्र कम किए जाने के खिलाफ बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. वर्मा की याचिका में नई आबकारी नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने के प्रावधान को चुनौती दी गई है.