नई दिल्ली: दिल्ली के जंगलों की सुरक्षा और वन्यजीवों की तस्करी (Protection of forests and smuggling of wildlife) पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार की वन्य विभाग जल्द अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तर्ज पर डॉग स्क्वॉड का गठन (Delhi forest department will constitute dog squad) करने जा रही है. यह पहली बार होगा जब वन्य विभाग का अपना डॉग स्क्वॉड होगा. मालूम हो दिल्ली के जंगलों में छोटे-छोटे वन्य जीवों की तस्करी कर दिल्ली से बाहर बेचा जाता रहा है. वहीं, कई बार तो जंगलों में असमाजिक तत्वों द्वारा अवैध रूप से शराब की तस्करी भी होती रही है.
दक्षिणी दिल्ली स्थित असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Asola Bhati Wildlife Sanctuary) में पूर्व में इस तरह के कई मामले भी देखने को मिले. हालांकि यहां पर मौजूद वन्य विभाग के कर्मचारियों ने अवैध गिरोह का पर्दाफाश किया था. वहीं डॉग स्क्वॉड के गठन होने से इनका इस्तेमाल वन कर्मी रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस अड्डे पर भी कर सकेंगे. इन जगहों के माध्यम से एंबरग्रीस की तस्करी होती है. एंबरग्रीस एक ठोस और मोम जैसा पदार्थ है, जो स्पर्म व्हेल की आंतों से उत्पन्न होता है.
प्रस्ताव तैयार, अब अंतिम रूप देंगे अधिकारीः दिल्ली वन विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉग स्क्वॉड के गठन के लिए कई बार विचार किया गया. हालांकि कुछ कारणों के चलते मामला ठंडा पड़ जाता था. लेकिन इस बार डॉग स्क्वॉड को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है और इसकी रूपरेखा की समीक्षा भी हो रही है. अब वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देंगे.
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इतनी होगी डॉग की संख्याः डॉग स्क्वॉड का गठन में कितने डॉग रखे जाएंगे, इस पर अभी विभाग की ओर से कोई सहमति तो नहीं बनी है. माना जा रहा है कि पहले कम से कम तीन डॉग को रखा जाए. जरूरत के हिसाब से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. वन्य विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश और एक और दूसरे राज्यों से इस बाबत बात चल रही है. मध्यप्रदेश के भोपाल में ही कुत्तों और उनके हैंडलर को प्रशिक्षण दिया जाता है. माना जा रहा है कि यहीं से डॉग लाए जाए.