नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले के आरोपी और वकील गौतम खेतान की जमानत निरस्त करने को लेकर ईडी की याचिका खारिज कर दी है. स्पेशल जज अरविंद कुमार ने आदेश जारी करते हुए खेतान की जमानत अर्जी में कुछ और शर्तों को जोड़ दिया.
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परीन खान से संपर्क नहीं करने के निर्देश
कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ईडी ने गौतम खेतान की जमानत निरस्त करने के लिए जो आरोप लगाए गए हैं वह गंभीर नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि गौतम खेतान की जमानत में कुछ और शर्तें जोड़ना जरूरी है ताकि वो साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित नहीं कर सके.
कोर्ट ने गौतम खेतान को हर हफ्ते ईडी के दफ्तर में रिपोर्ट करने के आदेश देते हुए कहा कि गौतम खेतान को इस मामले के किसी भी गवाह खासकर परीन खान से संपर्क नहीं करना है. वहीं खेतान की विदेश यात्रा पर कोर्ट ने आगे विचार करने को कहा.
खेतान पर जांच एजेंसी को भ्रमित करने का आरोप
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि गौतम खेतान ने जांच एजेंसी को भ्रमित करने की कोशिश की. ईडी ने बताया कि 2014 में उसने परीन खान को पहचानने से इनकार किया था वहीं 2017-18 में उसने परीन खान को एक पारिवारिक दोस्त बताया. वहीं ईडी ने कहा कि 18 दिसंबर 2018 से 21 दिसंबर 2019 के बीच खेतान ने समय की कमी का कहते हुए जांच में सहयोग नहीं किया. ईडी ने आगे कहा कि गौतम खेतान परीन खान से व्यक्तिगत रुप से मिलता था.
परीन खान मामले में गवाह नहीं: खेतान के वकील
सुनवाई के दौरान गौतम खेतान के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि गौतम खेतान को ईडी के मामले में 9 जनवरी 2015 को जमानत मिली थी. उसके बाद से उसने जांच में सहयोग किया था और कोर्ट की हर सुनवाई में पेश हुआ है. उन्होंने कहा कि परीन खान को ईडी ने गवाह नहीं बनाया था ऐसे में परीन खान को प्रभावित करने का आरोप सही नहीं है.
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गौरतलब है कि 24 जुलाई 2018 को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में कोर्ट ने ईडी की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था जिसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके भतीजे संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान को आरोपी बनाया गया है.