नई दिल्ली: देशभर में 75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में झंडा फहराया है. इस मौके पर ऐलान किया गया है कि दिल्ली में देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू होगा. 27 सितम्बर यानी शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस के मौके पर ये सभी सरकारी स्कूलों में शुरू होगा.
मुख्यमंत्री के 30 मिनट लंबे भाषण में कोरोना से लेकर ओलपिंक तक का जिक्र हुआ. दिल्ली में शिक्षा के स्तर को लेकर पीठ थपथपाई गई तो दिल्ली मॉडल को अलग-अलग जगहों पर लागू करने पर गर्व किया. केजरीवाल ने यहां योग को लेकर एक नई क्रांति की बात कही. मुख्यमंत्री ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश के 75वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर देशवासियों को दिल्लीवासियों को बधाई. आज पूरा देश खुशी से देशभक्ति में सराबोर है. इस अवसर पर मैं सभी स्वतंत्रता सेनानियों को दिल्ली में 2 करोड़ लोगों से, देश के लोगों की तरफ से नमन करता हूं. आज मैं सभी की तरफ से उन लोगों को नमन करता हूं जिन्होंने 1947 से लेकर आज तक देश की आज़ादी को बरकरार रखने के लिए सरहदों के ऊपर कुर्बानी दी.
पिछले डेढ़ साल से दुनिया एक ऐसी महामारी से गुजर रही ही. किसी ने कल्पना भी नहीं कि थी कि कोई कोरोना नाम की बीमारी आएगी. इसकी वजह से लोग परेशान हैं. ऐसे कई डॉक्टर, पैरामेडिकल वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स ने जान गंवाई है. मैं उनको भी नमन करता हूं. उन्होंने कहा कि देश में दो लहर आईं लेकिन दिल्ली में 4 लहर आईं. अप्रैल महीने की लहर दिल्ली की चौथी लहर थी. अप्रैल महीने की लहर खतरनाक थी. ना जाने कितने ऐसे लोग हैं जिनकी सभी कोशिशों के बावजूद उन्होंने जान गंवाई. कितने लोगों के घर में कमाने वाले चले गए. बच्चे अनाथ हो गए. हम लोग रात रात भर जान बचाने की कोशिश करते थे. इस मौके पर में सलूट करता हूं ऐसे डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ का, जो घर तक नहीं गए. अस्पताल रहे और उन्हें कोरोना हो गया. उनकी जान चली गई. हमने उन्हें किसी सिपाही सैनिक से कम नहीं माना.
दिल्ली को सैनिक अगर बॉर्डर पर शहीद होता है तो सरकार उन्हें एक करोड़ की सम्मान राशि देती है. यही योजना डॉक्टरों के लिए पैरामेडिकल स्टाफ के लिए है. हम किसी की जान की कीमत नहीं लगाते. हम उन्हें कहना चाहते हैं कि हम उनके आभारी हैं. जिन लोगों की जान गईं उन लोगों के साथ भी सरकार खड़ी है. जो बच्चे अनाथ हुए वो हमारे बच्चे हैं. जिन लोगों के घर से कमाने वाले चले गए उनके लिए योजना बनाई है. पिछले 74 साल में हमने अपने देश में स्कूलों में फिजिक्स तो पढ़ाई, मैथ, केमिस्ट्री तो पढ़ाई, देशभक्ति नहीं सिखाई. हमने सोच लिया कि देशभक्ति तो खुद आ जाएगी. आज हम ये शुरुआत कर रहे हैं. दिल्ली में अब देशभक्ति का पाठ्यक्रम होगा. इस पाठ्यक्रम में हम बच्चों को देशभक्ति के लिए प्रेरित होगा. एक्टिविटी बेस्ड प्रोग्राम होगा. गौरवगाथा सुनाई जाएगी. उनको उनकी जिम्मेदारी बताई जाएंगी. हर बच्चे को देश के विकास में योगदान के लिए तैयार किया जाएगा. 27 सितम्बर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिवस है.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 99.97% आए हैं. 12वीं के पिछले 6-7 साल के अंदर लोगों की मेहनत के चलते अलग-अलग प्रयोग हो रहे हैं. हमने RTO पर ताला लगाया तो लोग बोले ये सरकार अजीब है. लेकिन ये इसलिए किया गया है ताकि आपको दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े. दलालों के चक्कर न लगाने पड़े. अब सब काम घर बैठे होंगे.
ऐसे अब पूरी दिल्ली सरकार आपके घर आएगी. हमने मोहल्ला क्लिनिक बनाए. आज दूसरे राज्यों में भी ऐसे क्लिनिक बन रहे हैं. हमने पानी फ्री दिया, ये ज़रूरत है. ऐसे ही जो लाइफलाइन हैं वो हम मुफ्त में दे रहे हैं. आज मुझे पता चला कि आज गोवा में 16000 लीटर प्रति परिवार मुफ्त कर दिया. खुशी होती है कि लोगों को फायदा हो रहा है.
कोरोना के दौरान हम लोगों ने, दिल्ली के डॉक्टरों ने प्लाज्मा थेरेपी शुरू की थी. होम आइसोलेशन हमने पहले शुरू किया था. दिल्ली लेबोरेटरी बन रही है. आने वाले दिनों में और भी एक्सपेरिमेंट होंगे और हम दिल्ली को बेहतर गवर्नेन्स का मॉडल बनाएंगे. दिल्ली में पहला सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है. दिल्ली में पहली आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी अकैडमी शुरू होने जा रही है. इसमें लोगों को NDA और फौज के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. भारत ने दुनिया को योग दिया. हमारे यहां योग विलुप्त हो रहा है. योग को जन आंदोलन बनाने के लिए इस साल 2 अक्टूबर से दिल्ली के अंदर दिल्ली के पार्क में कंम्यूनकटी हॉल्स में योग क्लास शुरू करने जा रहे हैं. 2047 के बाद का जो ओलंपिक होगा उसके लिए दिल्ली दावेदारी पेश करेगा. आइए आज हम संकल्प लें कि दिल्ली को दुनिया का सबसे बेस्ट शहर बनाना है. हमें देश को नंबर एक शहर बनाना है.