नई दिल्ली: चार दिनों तक मनाए जाने वाले आस्था के महापर्व के चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन हो गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एकत्रित हो कर सूर्य देव की पूजा अर्चना की. हालांकि, दिल्ली में कई जगह पर प्रदूषण के चलते सूर्य देव के दर्शन देर से हुए.
दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी एमसीडी पार्क में बनाए गए अस्थाई तालाब में श्रद्धालुओं ने उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्ध्य दिया. इस दौरान पार्क में काफी संख्या में लोगों की भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में डूबे हुए नजर आए पूरे उत्साह के साथ छठ के पर्व का समापन हुआ.
छठ पर्व में भगवान सूर्य की पूजा का बेहद महत्व है. भगवान सूर्य की उपासना की जाती है और चलते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. सभी श्रद्धालु भगवान भास्कर और छठी मैया से यही प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी कृपा उन पर और उनके परिवार पर बनाए रखें.
श्रद्धालुओं ने बताया कि वह बेहद खुश है कि इस बार त्योहार पूरे हर्ष उल्लास और उत्साह के साथ मना रहे हैं. हालांकि पिछले वर्ष लोगों ने अपने घरों में रहकर ही यह त्योहार मनाया था, ऐसे में इस त्योहार की रौनक और छठ की छटा देखने को बहुत कम मिली थी, लेकिन इस बार लोगों ने पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ पर्व को मनाया.
वहीं, कालकाजी जन्माष्टमी पार्क में भी भक्त सुबह से ही छठ घाट पर एकत्रित होकर कोसी भरते नजर आए. साथ ही घाट के लिए बने तालाब में छठ व्रतियों ने डुबकी लगाई, फिर सूर्य उदय होने के बाद भक्तों ने अर्घ देकर छठ महापर्व का समापन किया.
कालकाजी जन्माष्टमी पार्क के छठ पूजा समिति के अध्यक्ष बीनोद चौधरी ने बताया कि हम लोग बीते 12 सालों से यहां पर छठ पूजा का आयोजन कर रहे हैं. इस वर्ष भी छठ पूजा का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया. वहीं पूजा समिति के चेयरमैन शैलेंद्र जयसवाल ने बताया कि कोरोना काल के बाद छ्ठी मैया के भक्त छठ घाट कालकाजी में एकत्रित हुए हैं और छठी मैया की जय-जय हुई है.
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