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डेंगू से तो उबर गये, अब सता रहा ब्लैक फंगस का डर

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Published : Nov 16, 2021, 9:01 PM IST

डेंगू
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दिल्ली के एक निजी अस्पताल में 49 वर्ष का एक अधेड़ व्यक्ति एक आंख से कुछ भी दिखाई नहीं देने की शिकायत के साथ डॉक्टर के पास पहुंचा. वह 15 दिन पहले ही डेंगू से ठीक हुआ था. जांच में पता चला कि उस व्यक्ति को ब्लैक फंगस (black fungus) हुआ है. डेंगू से ठीक हुए लोगों में यह एक दुर्लभ इंफेक्शन देखने को मिल रहा है, जो चिंता की बात है. अपोलो में दो और सर गंगाराम हॉस्पिटल में पांच केस देखने को मिले हैं. डेन 2 स्ट्रेन वायरस वाला डेंगू खतरनाक है. इससे बचने की सलाह विशेषज्ञ दे रहे हैं.

नई दिल्ली : डेंगू के मामले तेजी (dengue case increasing) से बढ़ रहे हैं. इससे बड़ी चिंता की बात यह है कि डेंगू की वजह से ब्लैक फंगस इंफेक्शन (black fungus infection ) भी हो रहा है, जो पहले कोरोना वायरस के मरीजों में देखा जा रहा था. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में 49 वर्ष का एक अधेड़ व्यक्ति एक आंख से कुछ भी दिखाई नहीं देने की शिकायत के साथ डॉक्टर के पास पहुंचा. वह 15 दिन पहले ही डेंगू से ठीक हुआ था. जांच में पता चला कि उस व्यक्ति को ब्लैक फंगस इंफेक्शन हुआ है.

एमसीडी द्वारा जारी छह नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना (delhi corona) के 2,708 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से अकेले नवंबर में 1,170 मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा नौ लोगों की अब तक डेंगू से मौत की भी पुष्टि हुई है. डेंगू बीमारी से ठीक हो चुके लोगों में जानलेवा ब्लैक फंगस यानी मयूकोर माइकोसिस इंफेक्शन इंफेक्शन देखने को मिल रहा है. 49 वर्ष की एक व्यक्ति में दुर्लभ ब्लैक फंगस इंफेक्शन देखा गया है, जो दो हफ्ते पहले ही डेंगू से ठीक हुए थे. इस मरीज को एक आंख से दिखाई देना अचानक बंद हो गया था.

ब्लैक फंगस का डर

सर गंगा राम हॉस्पिटल के पीएनसी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. मनीष मुंजाल बताते हैं कि पिछले कुछ महीने पहले कोरोना महामारी से ठीक हो चुके मरीजों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के रूप में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले काफी देखे गए, जो मरीज के शरीर में शुगर लेवल बढ़ने की वजह से सामने आया. बहुत सारे लोगों को इस इंफेक्शन से परेशान देखा गया. आंखों की रोशनी जाते देखा. इस इंफेक्शन से कई जाने गईं और जो बच गए उनके शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ा. चेहरे खराब हो गए.

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डॉ. मुंजाल ने बताया कि अब ब्लैक फंगस इंफेक्शन का दायरा थोड़ा और बढ़ गया है, इसलिए चिंता की बात है. फिलहाल कोरोना वायरस के भयंकर संक्रमण का दौर थम चुका है. अब डेंगू एक महामारी का रूप लेने की प्रक्रिया में है. दुख की बात यह है कि कोरोना संक्रमण की तरह ही डेंगू से उबर चुके मरीजों में भी ब्लैक इंफेक्शन जैसे इंफेक्शन देखने को मिल रहे हैं. दिल्ली के कुछ अस्पतालों में इस तरह का दुर्लभ संयोग देख देखा गया है. हमारे हॉस्पिटल में भी ऐसे कई मरीज अभी भर्ती हैं, जो डेंगू से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस इंफेक्शन से पीड़ित हैं. अच्छी बात यह है कि इनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई है. लगभग पांच ऐसे केस हमारे पास आये और इनमें सभी का ऑपरेशन वह कर चुके हैं और वह फिलहाल स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं.


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डॉक्टर मुंजाल बताते हैं कि पोस्ट डेंगू कॉम्प्लिकेशन के तौर पर ब्लैक फंगल इन्फेक्शन एक नया ऑब्जरवेशन के रूप में देखने को मिल रहा है, जिन मरीजों को डेंगू हुआ है और उससे ठीक हो गए हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखनी चाहिए. ब्लैक फंगस इंफेक्शन का कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे. डेंगू से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन एक दुर्लभ संयोग है. आमतौर पर ऐसा नहीं देखा जाता है.



माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर निलाक्षी बताती हैं कि डेंगू से ठीक हो चुके मरीजों में भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन देखने को मिल रहा है, जो अच्छा संकेत नहीं है. आमतौर पर यह इंफेक्शन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से होती है. डेंगू में भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसलिए इसका खतरा डेंगू से ठीक हो चुके मरीजों में भी बढ़ गया है. इसके पहले भी डेंगू से लोग पीड़ित होते रहे हैं और ठीक हुए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार देखा गया है, जब डेंगू से ठीक हुए मरीज इस तरह के इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं. ब्लैक फंगल इन्फेक्शन में नाक, मुंह और ब्रेन ज्यादा प्रभावित होता है.


डॉ. नीलाक्षी बताती हैं कि ब्लैक फंगल इनफेक्शन उन मरीजों में होने की आशंका अधिक होती है, जो डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, किडनी की समस्या या किसी और क्रॉनिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो गई है. इन मरीजों में ब्लैक फंगल इन्फेक्शन होने की आशंका बनी रहती है.


डेंगू वायरस का डेन 2 स्ट्रेन काफी खतरनाक होता है. आजकल जो डेंगू फैल रहा है, वह डेन 2 स्ट्रेन वायरस से चल रहा है, जिसमें उल्टी, सिरदर्द, तेज बुखार और जोड़ों के दर्द के अलावा रक्तस्राव की समस्या भी देखी जा रही है. डेंगू के तमाम लक्षणों के अलावा अगर रक्तस्राव की समस्या दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. बुखार होने पर पैरासिटामोल ले सकते हैं, लेकिन दर्द को कम करने वाली दवाई एस्प्रिन या क्रोसिन का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें. डॉक्टर से दिखाने के बाद ही कोई दवा लें.

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