नई दिल्ली: मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत दिल्ली के मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से रवाना हुए बुजुर्गों को जिस तरह बुधवार की रात आगरा में ही बीच रास्ते से ही ट्रेन से उतार दिया गया उससे राजनीति गर्माया गई है. नतीजा रहा कि वे बुजुर्ग प्राइवेट टैक्सी कर दिल्ली लौटे और हर प्लेटफॉर्म पर केजरीवाल सरकार की इस योजना की निंदा की. बीजेपी ने इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 'आप' विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
'बुजुर्गों को लुभाने के लिए योजना'
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनावी साल में सिर्फ बुजुर्गों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री ने योजना की शुरुआत की थी. अपने आप को श्रवण कुमार की भूमिका में बताने वाले केजरीवाल से भी उन्होंने पूछा कि वह बताएं क्या उन्होंने कभी अपने माता-पिता, दादा-दादी,नाना-नानी या अन्य बुजुर्गों को कभी तीर्थ यात्रा कराई है? पहले वे इसकी जानकारी सार्वजनिक करें. यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट है.
चिट्ठी लिखकर जताई नाराजगी
वहीं प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रमुख और मॉडल टाउन निवासी अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जताई है. अगर अरविंद केजरीवाल वाकई बुजुर्गों का सम्मान करते हैं, तो वह अपने विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. क्योंकि वे अपना घर परिवार छोड़कर दिल्ली सरकार के भरोसे जा रहे थे. इन बुजुर्गों को जिस तरह ट्रेन के नीचे उतार दिया गया और गलत व्यवहार किया उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
'आप' विधायक अखिलेश त्रिपाठी ने बुजुर्गों के 90 फॉर्म गुम कर दिए. जिसकी वजह से उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था. जब बुजुर्गों ने उनसे संपर्क किया तब उन्होंने सभी को अपने घर बुलाया और स्टेशन पहुंचने की सलाह दी थी.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने सितंबर महीने में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत प्रत्येक विधानसभा से 1100-1100 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजा जाता है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए विधानसभा क्षेत्र के बुजुर्गों को स्थानीय विधायक उसे संपर्क कर आवेदन भरने होते हैं. अभी तक तीर्थ यात्रा योजना के तहत 1 दर्जन से अधिक जगहों पर दिल्ली के बुजुर्ग यात्रा कर चुके हैं.