नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसे लेकर दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि1 सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन लागू होने के बाद प्रदूषण जांच केंद्रों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग रही हैं.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में अभी 73 लाख व्हीकल ऑनरोड हैं और उनमें से यूरो-4 गाड़ियों के अलावा ज्यादातर गाड़ियों को हर तीन महीने में प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाना होता है.
प्रदूषण जांच केंद्र में बढ़ाई गई सर्वर की क्षमता
कैलाश गहलोत ने बताया कि नई परिवहन नीति लागू होने के बाद से प्रदूषण जांच केंद्रों पर गाड़ियों की संख्या 15 हजार से बढ़कर करीब 45 हजार हो गई है. दिल्ली में 947 प्रदूषण जांच केंद्र हैं और इनपर लगातार बढ़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर सरकार ने इन्हें सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खोलने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही आज दोपहर एक बजे से सर्वर की क्षमता भी बढ़ा दी गई है.
कैलाश गहलोत ने बताया कि पहले 1 घंटे में 3200 आवेदन लिए जा सकते थे, लेकिन अब सर्वर की क्षमता बढ़ाए जाने के बाद इसकी संख्या 6 हजार हो जाएगी. साथ ही सरकार और प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए भी आवेदन मंगा रही है.
इसके अलावा, सरकार ने डीटीसी टर्मिनल और डीपी में बसों के प्रदूषण जांच केंद्रों को भी आम लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया है. 42 डीटीसी डीपो और टर्मिनल सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक आम लोगों की गाड़ियों के लिए खुले रहेंगे.
व्यवस्था ठीक करने के लिए तैनात किए गए सिविल डिफेंस वर्कर
प्रदूषण जांच केंद्रों पर भारी भीड़ के कारण किसी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए दिल्ली सरकार ने पुलिस को निर्देश जारी किए हैं. कैलाश गहलोत ने बताया कि हमने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और डिविजनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से इसे लेकर बातचीत की है कि प्रदूषण जांच केंद्रों पर भीड़ को देखते हुए वहां सिविल डिफेंस वर्कर तैनात किए जाएं.
गौरतलब है कि नई परिवहन नीति लागू होने के बाद से दिल्ली के प्रदूषण जांच केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही है. कई जगह लोगों को 6-8 घण्टे भी इंतजार करने पड़ रहे हैं. इन्हीं सब को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ये सब फैसले किए हैं. देखने वाली बात होगी कि इसके बाद भी प्रदूषण जांच केंद्रों पर भीड़ कम होती है या नहीं.