नई दिल्ली: दिल्ली स्थित कुतुब मीनार पर भी अब सवालिया निशान खड़े होते दिख रहे है. कुतुब मीनार परिसर में रखी मूर्तियों की पूजा करने की मांग को लेकर एक पक्ष की तरफ से कोर्ट में याचिका डाली गई थी. आज साकेत कोर्ट में दायर की गई उस याचिका पर सुनाई हुई. कुतुब मीनार पर यह आरोप लगते रहे है कि इसे 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है. महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नामक व्यक्ति ने आगरा से लेकर मेरठ तक को अपनी पुश्तैनी जमीन बताया है. उनके वकील ने 24 अगस्त को हुई सुनवाई में अदालत नहीं पहुंचे थे. जिसकी वजह से सुनवाई टल गई थी.
हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) इन याचिकाओं का विरोध कर रहा है. कुतुबमीनार परिसर में मौजूद कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद में हिंदू देवी-देवताओं की फिर से स्थापना और पूजा की मांग से जुड़ी एक याचिका पर आज साकेत कोर्ट में सुनवाई हुई वह आज फिर एक बार सुनवाई में कोई फैसला नहीं आया, फिर एक बार तारीख आगे बढ़ा दी गयी है. अब 2 दिन बाद 19 सितंबर को इसकी सुनवाई होगी. 1993 में यूनेस्को (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) ने कुतुब मीनार को ‘विश्व धरोहर स्थल’ घोषित किया था.
ये भी पढ़ें: कुतुब मीनार परिसर में पूजा की मांग का फैसला टला, महाराणा प्रताप सेना ने शिव मंदिर में किया रुद्राभिषेक
आपको बता दें कि इससे पहले 9 सितंबर को कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार से संबंधित मांग को लेकर दायर एक अपील पर गुरुवार को आने वाला साकेत कोर्ट का फैसला टल गया था. वकील ने अदालत को बताया कि मामले में एक नया आवेदन दायर किया गया है. वहीं फैसले का इंतेजार कर रहे महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने दिल्ली के कनॉट प्लेस के निकट प्राचीन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया था.
ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप