नई दिल्ली: लाजपत राय मार्केट के संबंध में अधिकारियों को रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद पूरे समस्या का समाधान व्यापारी वर्ग और निगम की बैठक में निकाला जाएगा. जानकारी के मुताबिक, लाजपत राय मार्केट(Lajpat Rai Market)में तकरीबन 850 दुकानें हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए में है और पिछले लगभग 20 सालों से निगम को इन दुकानों से किसी प्रकार की कोई राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई है. जबकि, मार्केट में इलीगल कंस्ट्रक्शन भी एक बड़ी समस्या है.
दरअसल, मार्केट में निगम द्वारा बीते दिनों पांच दुकानों को ध्वस्त करने के लिए नोटिस दिया गया था. जिसके विरोध में लगातार मार्केट के व्यापारियों द्वारा ना से विरोध दर्ज कराया गया, बल्कि अनिश्चितकालीन तक के लिए दुकानों को भी बंद कर दिया गया था. लाजपत राय मार्केट एसोसिएशन के दुकानदारों का कहना है कि एक तरफ जहां मार्केट में व्यापारी आर्थिक बदहाली और व्यापार ना होने के चलते नुकसान से परेशान है. वहीं, दूसरी तरफ निगम के द्वारा लगातार व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है.
लाजपत राय मार्केट की स्थापना साल 1958 में की गई थी. पूरी मार्केट में तकरीबन 850 दुकानें हैं जिन से लगभग 20,000 लोगों के परिवारों का पालन पोषण होता है. वहीं, व्यापारियों के द्वारा निगम पर आरोप लगाया कि बीते 2 साल से मार्केट पर सीलिंग की तलवार लटका कर व्यापारियों को निगम के द्वारा परेशान किया जा रहा है. इस मामले को लेकर बकायदा व्यापारियों ने हाईकोर्ट में अपील भी की है और निगम द्वारा सीलिंग की कार्रवाई पर कोर्ट के द्वारा स्टे लगा दिया गया है.
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ऐसे में निगम अब दुकानों को सील नहीं कर पा रही है, लेकिन इलीगल कंस्ट्रक्शन के बहाने निगम के द्वारा मार्केट के अंदर कुछ दुकानों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. इसको लेकर व्यापारी नाराज है. इस पूरे मामले समस्या का समाधान निकालने को लेकर बीते दिनों नॉर्थ एमसीडी के मेयर, स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन और नेता सदन के साथ निगम अधिकारियों और मार्केट के व्यापारी संगठन से जुड़े लोगों की एक महत्वपूर्ण बैठक हाल ही में हुई थी. जिसमें निर्णय लिया गया है कि आगामी पांच जनवरी को लाजपत राय मार्केट स्टेशन के व्यापारी अपनी सभी समस्याओं को लिखित तौर पर बकायदा ज्ञापन के माध्यम से देंगे और समस्या का समाधान कैसे निकाला जा सकता है.
इसको लेकर सुझाव भी देंगे. साथ ही निगम अधिकारियों को भी पूरे मामले के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है और यह भी निर्देश दिए गए हैं. पूरे मामले को लेकर व्यपारियो क्या राहत दी जा सकती है और कैसे निगम को राजस्व की प्राप्ति हो सकती है उसके बारे में भी अधिकारी जानकारी दें.
निगम द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार लाजपत राय मार्केट में 850 से ज्यादा दुकानें हैं, लेकिन इन सभी दुकानों के मालिकों द्वारा निगम को पिछले काफी लंबे समय या फिर कहा जाए तो 20 साल से ज्यादा लंबे समय से किसी प्रकार का कोई किराया नहीं दिया गया है और ना ही निगम को इन दुकानों से राजस्व की प्राप्ति हो रही है. ऐसे में निगम अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले के समस्या के समाधान को लेकर योजना तैयार की जाए जिससे निगम को राजस्व की प्राप्ति हो और व्यापारियों को भी राहत मिले. लाजपत राय मार्केट के अंदर स्थित दुकानों की वर्तमान समय में कीमत करोड़ों रुपए में है.
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