नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग के लिए जवाबदेही तय करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को समन जारी किया. आयोग को सूचना मिली कि भयानक आग के कारण क्षेत्र के निवासियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आग के कारण उत्पन्न जहरीला धुआं लोगों के घरों में घुस रहा है और क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों सहित सभी निवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है. इसके अलावा, इस घटना ने लैंडफिल साइट के आसपास के कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे कई महिलाएं और बच्चे बेघर हो गए हैं और उनकी सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम आयुक्त को समन जारी कर लैंडफिल को साफ करने के लिए एमसीडी द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के साथ-साथ पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्च के बारे में पूरी जानकारी मांगी है. आयोग ने स्थानीय निवासियों द्वारा पिछले 5 वर्षों में लैंडफिल से संबंधित मुद्दों के बारे में दर्ज सभी शिकायतों की प्रतियां और उसी की विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट की भी मांग की है. आयोग द्वारा भारत-विदेश के मॉडलों का अध्ययन कर लैंडफिल से कूड़े के निपटान के लिए एमसीडी द्वारा किए गए उपायों और अध्ययनों के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है.
आयोग ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा आसपास के निवासियों पर लैंडफिल के सामाजिक, स्वास्थ्य, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव के अध्ययन के लिए एमसीडी द्वारा उठाए गए कदमों और वर्तमान त्रासदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है. आयोग ने एमसीडी द्वारा उन लोगों को दिए गए मुआवजे का ब्योरा भी मांगा है, जिनके घर और संपत्ति को आग में नुकसान पहुंचा है. आयोग ने भलस्वा लैंडफिल साइट पर आग की त्रासदी के संबंध में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट के साथ सूचना प्रदान करने के लिए उत्तर एमसीडी को चार दिन का समय दिया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक मानव निर्मित त्रासदी है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वहां रहने वाले लोगों का दम घुट रहा है और कई महिलाएं और बच्चे बेघर हो गए हैं. इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. त्रासदी में जो लोग पीड़ित हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए. ऐसे गंभीर मामले में जवाबदेही तय करना बहुत जरुरी है, इसलिए उन्होंने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को समन जारी किया है.
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