नई दिल्ली: दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू (DCPCR President Anurag Kundu) ने ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के कमिश्नर विकास आनंद (Vikas Anand, Commissioner, East Delhi Municipal Corporation) को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार की ओर से 16 अक्टूबर 2015 में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसके मुताबिक जुवनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट और चेयरपर्सन, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को ये अधिकार दिया गया कि वो किशोरों की उम्र को वेरीफाई करें, जिसके आधार पर उनके बर्थ सर्टिफिकेट यानी कि जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाएं, लेकिन एमसीडी ने किशोरों के बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनाए हैं.
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अनुराग कुंडू ने नोटिस में बताया कि (Juvenile Justice Board), चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की ओर से किशोरों के बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर आर्डर दिए गए थे और ऑर्डर के मुताबिक किशोरों के बर्थ सर्टिफिकेट एमसीडी की ओर से जारी किए जाने थे, लेकिन एमसीडी अधिकारियों की ओर से उस आदेश का उल्लंघन किया गया, इतना ही नहीं दिल्ली सरकार की ओर से जो आदेश दिया गया था, उसकी भी अवहेलना की गई जो कि बहुत ही गंभीर विषय है. जबकि हर एक बच्चे का यह वैधानिक अधिकार है कि उसे उसके जन्म का प्रमाण पत्र जारी किया जाए. एमसीडी अधिकारियों को जल्द से जल्द किशोरों के जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने आदेश दें.
दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग की ओर से तीनों एमसीडी कमिश्नर के साथ साथ दिल्ली हाई कोर्ट में जुवनाइल जस्टिस कमेटी के चेयरपर्सन, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डायरेक्टर, सभी जुवनाइल जस्टिस बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट के अलावा सभी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के चेयरपर्सन को भी भेजा गया है.