नई दिल्ली: कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद दिल्ली से अपने-अपने घर जाने के लिए प्रवासी मजदूरों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी है. जिसे देखते हुए दिल्ली परिवहन निगम ने डीटीसी बसों के जरिये लोगों को रेलवे स्टेशन छोड़ने का बीड़ा उठाया है. जिसके बाद से बस डिपो में मजदूरों की भीड़ दिखाई दे रही है. जो की न सिर्फ मजदूरों बल्कि डीटीसी कर्मचारियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है.
अस्थाई गेट बनाया जा सकता था
जबकि दिल्ली परिवहन मजदूर संघ के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने डिपो मैनेजर को सुझाव दिया कि डिपो की आउट सैडिंग के लिए अलग से अस्थाई गेट बनाया जा सकता है. डिपो को अस्थाई रूप से दो भागों में बांट कर एक भाग में डीटीसी का डिपो चलाया जा सकता है और डिपो के पीछे का हिस्सा खाली पड़ा है. जिसमें मजदूरों का रजिस्ट्रशन हो सकता है लेकिन डिपो प्रबंधक ने इस मामले में कोई ध्यान नहीं दिया.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
मौजूदा हालात में द्वारका डिपो के कर्मचारियों में भय का माहौल है क्योंकि बस डिपो में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है, वहीं इस ओर अधिकारी ध्यान भी नहीं दे रहे हैं और ना ही दिल्ली सरकार. ऐसे में कोरोना को कैसे मात दी जा सकती है ये बड़ा सवाल है.