नई दिल्ली: सागर हत्याकांड मामले (Sagar Murder Case) में दिल्ली पुलिस (delhi police) की क्राइम ब्रांच (crime branch) के हाथों से एक महीने बाद भी 10 से ज्यादा आरोपी फरार चल रहे हैं. वहीं अभी तक हुई कुल 9 गिरफ्तारियों में केवल दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है. मामले से जुड़े अधिकांश सबूत लोकल पुलिस ने ही जुटाए हैं. छानबीन के दौरान क्राइम ब्रांच को सुशील के कपड़े और मोबाइल भी बरामद नहीं हुए.
जानकारी के अनुसार बीते 4 मई की देर रात छत्रसाल स्टेडियम में सागर धनखड़, (chhatrasal stadium case) सोनू महाल और आमिल को पीटा गया था, जिसके अगले दिन सागर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था और इस बावत मॉडल टाउन थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था जिसमें मुख्य आरोपी दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील पहलवान (wrestler sushil kumar) को बनाया गया था.
हत्याकांड के दिन ही मौके से पुलिस ने प्रिंस नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था. उसके मोबाइल से घटना का वीडियो भी लोकल पुलिस ने बरामद किया था जिसकी एफएसएल जांच में पाया गया कि वीडियो से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है.
केवल दो आरोपी ही हुए गिरफ्तार
इस हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी प्रिंस की लोकल पुलिस ने की. वहीं सुशील पहलवान एवं उसके साथी अजय को स्पेशल सेल ने मुंडका से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई. अगले दिन रोहिणी जिला पुलिस ने हत्याकांड के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उधर इस मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने भी छापेमारी शुरू की.
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सुशील को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम भटिंडा, हरियाणा, छत्रसाल स्टेडियम और हरिद्वार में जांच के लिए ले गई लेकिन इससे कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य या फरार चल रहा आरोपी उनके हाथ नहीं लगा. सूत्रों की मानें तो इस हत्याकांड में अहम सुराग भी लोकल पुलिस ने ही जुटाए हैं. कॉल डिटेल निकालने से लेकर आरोपियों की लोकेशन निकालने का काम भी लोकल पुलिस कर रही है.
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मजबूत आरोपपत्र तैयार करना बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि अभी तक की जांच के आधार पर कोई महत्वपूर्ण सुराग तलाशने में नाकाम रही क्राइम ब्रांच के लिए एक मजबूत आरोप पत्र दाखिल करना बड़ी चुनौती होगी. 5 अगस्त तक इस मामले में आरोप पत्र दाखिल होना है.
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