नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले में गिरफ्तार सह-आरोपी आनंद सुब्रमण्यम को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सुब्रमण्यम को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
बुद्धवार को आनंद सुब्रमण्यम की CBI हिरासत खत्म हो रही थी. जिसके बाद CBI ने उन्हें कोर्ट में पेश किया. पेशी के दौरान कोर्ट ने आज CBI को धीमी जांच के लिए फटकार लगाई. इस पर CBI ने कहा कि हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं. इस मामले की जांच के लिए 30 अधिकारियों की एक स्पेशल टीम गठित की गई है. इस टीम में एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है. CBI ने कहा कि उसने इस मामले में NSE के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर रवि नारायण से भी पूछताछ की है.
आज आनंद सुब्रमण्यम ने इस मामले में अपनी जमानत याचिका दायर की. जमानत याचिका पर कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई करेगा. बता दें कि बीते साल 7 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में NSE की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्णा को 14 मार्च तक की CBI हिरासत में भेज दिया था. CBI ने कहा था कि चित्रा रामकृष्णा को NSE और सेबी के अधिकारियों के सामने पूछताछ की जानी है. CBI ने कोर्ट से कहा कि उसने चित्रा रामकृष्णा को आनंद सुब्रमण्यम के सामने बैठाकर पूछताछ की लेकिन चित्रा रामकृष्णा ने सुब्रमण्यम को पहचानने से इनकार कर दिया. जबकि CBI ने दोनों के बीच करीब ढाई हजार ई-मेल का आदान प्रदान होना पाया है.
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CBI ने चित्रा रामकृष्णा को 6 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके पहले 5 मार्च को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चित्रा रामकृष्णा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों को अलग तरीके से देखना होगा. क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन के नुकसान के लिए गहरी साजिशें रची गई होती हैं. कोर्ट ने कहा था कि एनएसई प्रमुख की मिलीभगत के बिना ये सूचनाएं कैसे साझा हो सकती हैं. इसे NSE के इतिहास के काले दिन के रूप में याद किया जा सकता है.