UAPA के आरोपियों के मोबाइल में पोर्न कंटेंट है, सह-आरोपियों को नहीं दिए जा सकते- कोर्ट

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Published : Oct 28, 2021, 7:33 PM IST

कोर्ट

दिल्ली हिंसा के UAPA मामले के आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल के डाटा सह-आरोपियों को नहीं दिए जा सकते हैं क्योंकि इनमें कुछ पोर्न चीजें भी हैं. यह टिप्पणी कड़कड़डूमा कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपियों की याचिकाओं पर की, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग की गई थी.

नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली हिंसा के UAPA मामले के आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल के डाटा सह-आरोपियों को नहीं दिए जा सकते हैं क्योंकि इनमें कुछ पोर्न चीजें भी हैं. ये आरोपियों की निजता का उल्लंघन होगा. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को करने का आदेश दिया.



वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये टिप्पणी आरोपियों की उन याचिकाओं पर की, जिसमें आरोपियों ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग की है. कोर्ट ने कहा कि कुछ आरोपियों के निजी डाटा पर अभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने उसे कुछ फोटोग्राफ और वीडियो दिखाए हैं जो आरोपियों के मोबाइल फोन के थे.

उन फोटो और वीडियो को देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि ये किसी को नहीं दिए जा सकते हैं. इससे उनकी निजता का हनन होगा. कोर्ट ने साफ किया कि सभी फोटो और वीडियो पोर्न नहीं हैं कुछ आरोपियों के व्यक्तिगत फोटो भी हैं.


10 सितंबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग वाली याचिका पर अभी तक दिल्ली पुलिस ने जवाब भी नहीं दिया है, जबकि ये आवेदन अप्रैल में ही दाखिल किया गया था. तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा था कि दस्तावेज काफी ज्यादा हैं. उसमें कई सारे डाटा निजी सूचनाएं हैं. अगर निजी सूचनाओं को अलग किए बिना ही सौंपा गया तो ये निजता का उल्लंघन होगा. बिना उनकी पड़ताल किए जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता है.

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सुनवाई के दौरान वकील तुषारिका मट्टू ने कहा था कि कम से कम दिल्ली पुलिस उन दस्तावेजों की सूची तो दे सकती है जिन पर वो भरोसा कर रहे हैं. इसका जवाब देते हुए अमित प्रसाद ने कहा था कि वे प्रारंभिक जवाब दाखिल कर सकते हैं, लेकिन बिंदुवार जवाब अभी संभव नहीं है.

वकील सौजन्य शंकरन ने कहा कि आरोपी के मोबाइल से आपने वाट्सएप चैट को हवाला बनाया है तो उसकी प्रति भी दीजिए. अमित प्रसाद ने कहा था कि जांच के मध्य में दस्तावेज नहीं दिए जा सकते हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी. अमित प्रसाद ने कहा कि इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तिथि तक आप ये बताएं कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी नहीं तो हम कुछ आदेश पारित कर सकते हैं.

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इस मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. पिछले 2 मार्च को कोर्ट आरोपियों की खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है. कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है.

मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है. कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए.

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पिछले 25 फरवरी को स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. तीसरी पूरक चार्जशीट में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे.

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सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी जेल में बंद हैं. सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.


बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए समेत आईपीसी की धारा 120बी के साथ कई धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.


इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है.

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