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आईएस के दो संदिग्धों की जमानत याचिका खारिज

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Published : May 15, 2020, 7:19 PM IST

पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी संगठन आईएस से संबंध रखने वाले दो संदिग्धों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट से साफ है कि परवेज राशिद लोन और जमशेद जहूर लाल आतंकी संगठनों के लिए हथियार ले रहा था.

Patiala House Court
आईएस से संबंध रखने वाले दो संदिग्धों की जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी संगठन आईएस से संबंध रखने वाले दो संदिग्धों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने दोनों की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

आरोपियों की बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट कोर्ट में पेश


कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट से साफ है कि परवेज राशिद लोन और जमशेद जहूर लाल आतंकी संगठनों के लिए हथियार ले रहा था. इसके अलावा वो भारतीय सेना के मूवमेंट की जानकारी भी आतंकी संगठनों को दे रहा था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एनआईए भले ही पर्याप्त साक्ष्य जुटाने में नाकाम रही हो लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जो साक्ष्य जुटाएं हैं, वे पर्याप्त हैं.


सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था


दिल्ली पुलिस ने दोनों को सितंबर 2018 में लालकिले के पास से गिरफ्तार किया था. दोनों की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि दोनों एक दुर्दांत आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य थे. दोनों यूपी के अमरोहा हथियार खरीदने आए थे. जो चार नाबालिग पकड़े गए थे, उन्होंने हथियार बेचने की बात कबूली थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मारे गए एक आतंकी उमर इब्न नाजिर के निजी बातचीत की ट्रांसक्रिप्ट को कोर्ट के सामने पेश किया. दूसरी बातचीत आरोपियों और अबु दुजाना के बीच की थी. अबु दुजाना की सुरक्षा बल तलाश कर रहे हैं.


संदिग्धों के खिलाफ साक्ष्य नहीं होने का दावा


दोनों संदिग्धों की ओर से पेश वकील असगर खान ने कहा कि दोनों के खिलाफ न केवल एनआईए ने जांच की है, बल्कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी जांच की है. लेकिन दोनों के खिलाफ कोई खास साक्ष्य पेश नहीं कर पाए हैं. दोनों को एनआईए की केस में जमानत मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि दोनों संदिग्धों को झूठे तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है.



हथियार बरामद नहीं किए गए


असगर खान ने कहा कि दोनों संदिग्धों को सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ अवैध हथियार रखने का आरोप था. जब एनआईए ने आईएस संदिग्ध अब्दुल बासित को गिरफ्तार किया, उसके बाद दोनों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया. खान ने कहा कि दोनों संदिग्धों के खिलाफ आरोप है कि सार्वजनिक स्थल पर हथियार बरामद किए गए थे. लेकिन उसका कोई गवाह नहीं है. न ही हथियार बरामद किए गए और न ही उस घटना का कोई स्वतंत्र वीडियो फुटेज मौजूद है, ताकि अपराध साबित हो.

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