नई दिल्ली : उत्तम नगर (uttam nagar encounter case) इलाके में एक नवंबर की रात हुई मुठभेड़ को लेकर अदालत लगातार सवाल खड़े कर रही है. इसे संदेहजनक मानते हुए आरोपी रोहित गहलोत को मुठभेड़ के मामले में अदालत ने जमानत दे दी है. इससे पहले सीएमएम की अदालत ने उसे नजफगढ़ फायरिंग मामले (najafgarh firing case) में जमानत दी थी जिसमें पुलिस (delhi police News) ने उसे वांछित दिखाया था. लेकिन हिरासत में रखने के बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई थी.
जानकारी के अनुसार, बीते अक्टूबर माह में नजफगढ़ स्थित मित्तल स्वीट हाउस पर फायरिंग (najafgarh firing case) हुई थी. इस मामले में पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया था कि रोहित गहलोत के इशारे पर उन्होंने गोली चलाई थी. पुलिस का दावा है कि बीते एक नवंबर की रात उत्तम नगर इलाके में उन्होंने मुठभेड़ के बाद रोहित गहलोत (Rohit Gehlot Arrested) को गिरफ्तार किया. वहीं रोहित ने अदालत को बताया कि उसे एक नवंबर की दोपहर घर से यह कहकर पुलिसकर्मी ले गए थे कि उसे डीसीपी ने बुलाया है. उसे दिनभर द्वारका के एक फ्लैट में रखा गया. रात के समय पुलिसकर्मी उसे उत्तम नगर (Uttam Nagar News) इलाके में ले गए जहां उसकी आंख पर पट्टी बांधकर उसके पैर में गोली मार दी गई. इस मुठभेड़ की जांच अदालत के आदेश पर बाहरी जिला डीसीपी परविंदर सिंह द्वारा की जा रही है.
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रोहित गहलोत के परिवार ने उत्तम नगर मामले को लेकर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अलका सिंह की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया कि नजफगढ़ में दर्ज मामले को लेकर किस तरीके से संदेहजनक स्थिति में मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. उसे एक नवंबर की दोपहर घर से जिस गाड़ी में ले जाया गया था वह सिपाही कुलवंत के नाम पर रजिस्टर्ड है. यह केस पूरी तरीके से फर्जी है. अपनी गलतियों को छुपाने के लिए पुलिस ने उसे इस मामले में फंसाया है.
इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और जांच पूरी हो चुकी है. इसलिए उन्होंने जमानत मांगी. उधर जांच अधिकारी की तरफ से इस बेल पर आपत्ति जताई गई. यह कहा गया कि उसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं और वह दोबारा अपराध कर सकता है. उसने पुलिस पर गोली चलाई है. इसलिए उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए.
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इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में सिपाही कुलवंत को सूचना मिली थी कि रोहित डीडीए पार्क उत्तम नगर (uttam nagar encounter case) के पास आएगा. यहां पर उसने पुलिस टीम पर गोली चलाई जो सिपाही कुलवंत की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी. वहीं पुलिस की गोली उसके पैर में लगी. अदालत चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा इस मुठभेड़ पर उठाए गए सवालों को दरकिनार नहीं कर सकती. पुलिस अपनी जानकारी से अदालत का विश्वास नहीं जीत सकी है. इसलिए इस मामले में रोहित गहलोत को अदालत ने जमानत दी है.