नई दिल्ली: 22 मई 2022 रविवार के दिन से दिल्ली के अंदर एकीकृत दिल्ली नगर निगम पूरी तरीके से अस्तित्व में आ गई है. दिल्ली नगर निगम के नए विशेष अधिकारी 1992 बैच के आईएएस अश्विनी कुमार और 1998 बैच के आईएएस ज्ञानेश भारती ने निगम कमिश्नर के रूप में अपना पदभार निगम के कार्यालय सिविक सेंटर में संभाल लिया है, जिसके बाद अब जल्दी राजधानी दिल्ली में नगर निगम के स्तर पर कुछ बड़े बदलावों की उम्मीद की जा रही है.
देश की राजधानी दिल्ली में गरमाए सियासी माहौल के बीच बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के तीन भागों में बंटी नगर निगम को एकीकृत करने के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया गया था. जिसके मद्देनजर आदेश भी जारी कर दिए गए थे और अब रविवार से दिल्ली के अंदर एकीकृत दिल्ली नगर निगम पूरे तरीके से अपने अस्तित्व में आ गई है.
दिल्ली नगर निगम के प्रशासनिक कार्रवाई को भलीभांति तरीके से चलाने के लिए नियुक्त किए गए 1992 बैच के आईएएस अधिकारी जो एजीएमयूटी बैच के हैं अश्विनी कुमार उन्होंने अपना पदभार भी सिविक सेंटर में संभाल लिया है. साथ ही दक्षिण दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर की जिम्मेदारी निभाने के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर की जिम्मेदारी अतिरिक्त भार के रूप में संभाल रहे 1998 बैच के AGMUT केडर के आईएएस ऑफिसर ज्ञानेश भारती ने एकीकृत हो चुकी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर के पद का कार्यभार संभाल लिया है. दोनों ही बड़े अधिकारियों द्वारा रविवार से न सिर्फ अपने पदभार को संभाल लिया गया है बल्कि कामकाज की शुरुआत भी कर दी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्दी राजधानी दिल्ली के अंदर दिल्ली नगर निगम में जल्द ही कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. साथ ही राजधानी दिल्ली में विकास की रफ्तार तेज होगी और नगर निगम में कार्यरत कर्मचारियों को समय से वेतन मिल सकेगा.
बहरहाल, कुल मिलाकर देखा जाए तो एकीकृत दिल्ली नगर निगम के अस्तित्व में आ जाने के बाद नए नियुक्त किए गए विशेष अधिकारी और कमिश्नर किस तरह से निगम के कार्यभार को संभालने के साथ वर्तमान समय में निगम की आर्थिक बदहाल स्थिति को कैसे सुधारते हैं. वहीं दिल्ली नगर निगम बड़े स्तर पर अपने पैर पसार चुके भ्रष्टाचार के ऊपर लगाम लगाना भी एक बड़ी चुनौती होगी.
ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप