नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू का तीसरा सप्ताह शुक्रवार से लग चुका है, लेकिन जहां राजधानी दिल्ली में लोगों को उम्मीद थी कि इस बार वीकेंड कर्फ्यू शायद हटाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दिल्ली सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने खारिज कर दिया. ईटीवी भारत से बात करते हुए मध्यमवर्गीय लोगों ने बताया कि हम रोज कमाते हैं, तभी हमारे घर में चूल्हा जलता है. हमें उम्मीद थी कि दिल्ली सरकार ने जो प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा है शायद अगली बार भी वीकेंड कर्फ्यू ना लगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वीकेंड कर्फ्यू की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब जनता को हो रहा है. आम जनता ने बताया कि हम लोग यहां पर किराए पर रहते हैं. रोज जब घर से निकलेंगे तभी हम कुछ कमा पाते हैं. जब घर में ही रहेंगे तो हम किस तरीके से अपना घर का खर्चा चला पाएंगे. एक व्यक्ति ने बताया कि वह लेबर क्लास का काम करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान गरीब जनता को झेलना पड़ता है.
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शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 10,756 थी. वहीं, मौत के आंकड़े की बात करी जाए तो कल दिल्ली में 38 लोगों की कोरोना की वजह से मृत्यु हो गई थी, जिसके चलते बताया जा रहा है कि आने वाले समय में राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मामले कम देखने को मिल सकते हैं. पिछले दो-तीन दिन से लगातार कोविड के मामले भी कम ही आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को भी पाबंदियों में छूट देनी चाहिए
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