नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने चुनाव के वक्त चुनावी वादा किया था पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का. चुनाव बीत गया सरकार भी बन गई और केजरीवाल सरकार ने सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए, लेकिन सवाल ये है कि क्या इन कैमरों की देखरेख होती है या नहीं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने मौहल्ले की पड़ताल की और लोगों से बात की. जानिए क्या है लोगों का कहना...
साउथ दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. माना जा रहा था कि सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद राजधानी दिल्ली में हो रहे अपराध में कमी देखी जाएगी, लेकिन दिल्ली सरकार के द्वारा लगाए गए कैमरे अब टूट रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम जब खिड़की एक्सटेंशन पहुंची तो वहां पर देखा कि दिल्ली सरकार ने जो कैमरे लगाए थे वह टूट रहे हैं. इस मामले में लोगों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि इन सीसीटीवी कैमरों को ठीक करने के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं है. कैमरे कई महीने से टूटे पड़े हैं. लोगों का कहना है कि स्थानीय निगम पार्षद और स्थानीय विधायक को ख्याल नहीं है कि दिल्ली सरकार ने जो कैमरे लगाए थे वो अब काम करना बंद कर चुके हैं.
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आरडब्लूए के लोगों ने बताया कि अगर दिल्ली सरकार कैमरे को मेंटेन नहीं कर रही है, तो इसकी जिम्मेदारी आरडब्लूए को देनी चाहिए. आरडब्ल्यू इसकी जिम्मेदारी बखूबी निभाएगी और कैमरों की देखभाल करेगी. कैमरों की देखभाल के लिए सरकार समय-समय पर फंड देती रहे, लेकिन केजरीवाल सरकार बिल्कुल ऐसा नहीं कर रही है और खिड़की एक्सटेंशन में जहां-जहां कैमरे लगे हैं, लगभग सब जगह कैमरे टूटे हुए हैं.