नई दिल्ली: सिखों के बलिदान का इतिहास ऐसा है कि पूरा विश्व इनके आगे नतमस्तक है. ऐसे ही एक शहीद भाई जीवन सिंह जी को उनके शहादत दिवस के मौके पर उनकी शहादत और साहस को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ट्विट कर कोटी-कोटी नमन किया है.
अरविंद केजरीवाल ने ट्विट में लिखा है-
"भाई जीवन सिंह जी को उनके शहादत दिवस और उनकी शहादत और साहस पर कोटि-कोटि नमन. दिल्ली के चांदनी चौक में उनकी शहादत के बाद, दशमेश पिता ने उन्हें गुरु तेग बहादुर के पवित्र सिर को उठाने की सेवा के लिए 'गुरु का पुत्र' का उपनाम दिया."
दरअसल, जब गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली के चांदनी चौक में औरंगजेब के सिपाहियों ने शहीद किया था उस समय भी भाई जीवन सिंह जी का योगदान अतुलनीय था. उन्होंने कहा कि भाई जीवन सिंह ने गुरु तेग बहादुर जी के शीश को उठाने के लिए अपने पिता का बलिदान दे दिया. अपने पिता के शीश को उस स्थान पर रखकर गुरु तेग बहादुर जी के शीश को उठाकर आनंदपुर साहब 354 किलोमीटर दूर गुरु गोबिंद सिंह जी के सामने लाकर रखा. उस समय गुरु गोबिंद सिंह जी की उम्र मात्र नौ वर्ष थी. औरंगजेब ने यह घोषणा की थी कि गुरु तेग बहादुर का शीश जो उठाएगा उसका भी यही हाल होगा. तब भाई जीवन सिंह जी के सामने यह संकट आ गया कि शीश के बदले एक शीश रखना होगा ताकि औरंगजेब की सेना को गुमराह किया जाए. तब उन्होंने अपने पिता का बलिदान दे दिया और औरंगजेब की सेना को गुमराह करते हुए आंधी-तूफान में भी छिपकर निकलते हुए किसी प्रकार के गुरु गोविंद सिंह जी के पास अकेले ही पहुंच गए.
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