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दिल्ली को जलभराव मुक्त करने के लिए जल्द होगी कंसल्टेंट की नियुक्ति

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Published : Mar 21, 2022, 7:45 PM IST

दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. केजरीवाल सरकार को दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने के प्रोजेक्ट के लिए कंसलटेंट नियुक्त होना है. कंसल्टेंट प्लान तैयार कर बताएगा कि दिल्ली को किस तरह से जलभराव मुक्त करना है.

cm kejriwal meeting for drainage master plan in delhi
cm kejriwal meeting for drainage master plan in delhi

नई दिल्ली : दिल्ली को जलभराव मुक्त करने और ड्रेनेज सिस्टम बेहतर करने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मास्टर प्लान की प्रगति को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को कंसल्टेंट नियुक्त करने संबंधी टाइम लाइन की जानकारी दी गई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों से बात कर दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने का सारा काम क्यों न दिल्ली सरकार ले ले, जिससे कि काम तेजी से आगे बढ़ सके. इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी एजेंसियों से मंजूरी के लिए जल्द बातचीत करने के निर्देश दिए हैं. समीक्षा बैठक में PWD मंत्री मनीष सिसोदिया, PWD सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. केजरीवाल सरकार को दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने के प्रोजेक्ट के लिए कंसलटेंट नियुक्त होना है. कंसल्टेंट प्लान तैयार कर बताएगा कि दिल्ली को किस तरह से जलभराव मुक्त करना है. उसके बाद दिल्ली सरकार दिल्ली को जलभराव मुक्त करने पर काम करेगी. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को कंसल्टेंट नियुक्त करने संबंधी टाइमलाइन की जानकारी दी गई.

इस दौरान केजरीवाल सरकार ने योजना बनाई कि दिल्ली को जलभराव मुक्त करने का काम सिर्फ एक एजेंसी के पास में रहे. दिल्ली में कई अलग-अलग एजेंसियां हैं, जिनके पास जलभराव मुक्त करने संबंधी काम बंटा हुआ है. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस तरह का प्लान बनाया जाए, जिससे की पूरी दिल्ली जलभराव मुक्त हो जाए. ऐसे में क्यों न इन सभी एजेंसियों से बात कर दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने का सारा काम दिल्ली सरकार ले ले, जिससे कि काम तेजी से आगे बढ़ सके. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी एजेंसियों से मंजूरी के लिए जल्द बातचीत की जाए.

दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं.
दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं.
योजना के लिए दो सलाहकार होंगे नियुक्त

दिल्ली सरकार योजना की देखरेख के लिए दो सलाहकार नियुक्त करेगी. एक सलाहकार नजफगढ़ बेसिन का काम संभालेगा. दूसरा सलाहकार यमुना पार और बारापुल्ला का काम देखेगा. वे दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था को बेहतर करने के लिए खाका तैयार करेंगे और कार्यान्वयन कार्य की निगरानी भी करेंगे.

दिल्ली में भारी बारिश के दौरान होने वाले जलभराव की समस्या बहुत जल्द दूर कर दी जाएगी. इसके लिए हर नाली और नाले में जरूरी बदलाव किए जाएंगे, ताकि भारी बारिश के दौरान भी पानी की बेहतर निकासी हो सके और जल भराव की समस्या दूर की जा सके. दिल्ली में किस नाली का स्लोप खराब है, कौन सी नाली कहां मिलती है और किस नाली को किस नाले से जोड़ना है, उसके लिए हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनेगा. संबंधित अधिकारियों को इसका पूरा प्लान जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए कंसल्टेंट हायर किए जाएंगे, जो प्रत्येक नाली और नाले का प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स बनाएंगे, ताकि इसको शीघ्र लागू किया जा सके.

PWD ने 147 स्थानों को चिन्हित किया

पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में अप्रत्याशित बारिश हुई थी. दिल्ली में पिछले रिकॉर्ड देखे तो मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है लेकिन पिछले साल 110 मिमी तक बारिश हुई. जिसके कारण दिल्ली में कई स्थानों पर जलजमाव का सामना करना पड़ा थी. ऐसे में पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को जलजमाव को रोकने के लिए शार्ट-टर्म व लॉन्ग-टर्म नीतियां तैयार करने व उनके क्रियान्वयन के आदेश दिए थे. इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने 147 स्थानों को चिन्हित कर वहां जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं. इनकी लंबाई करीब 3692 किलोमीटर है. इन नालियों का एक बड़ा हिस्सा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है और पीडब्ल्यूडी इसका नोडल विभाग भी है. दिल्ली को तीन प्रमुख प्राकृतिक जल निकासी बेसिन में विभाजित किया गया है. यह तीन जल निकासी बेसिन ट्रांस यमुना, बारापुलाह और नजफगढ़ है. इसके अलावा, कुछ बहुत छोटे जल निकासी बेसिन अरुणा नगर और चंद्रवाल भी हैं, जो सीधे यमुना में गिरते हैं.

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