नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली में कोरोना के 74000 मामले हो चुके हैं, जो चिंता की बात है, लेकिन घबराने की बात नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्थिति फिलहाल काबू में है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के अभी 26000 मामले एक्टिव है. जिनमें से छह हजार लोग अस्पतालों में भर्ती है और ज्यादातर लोग घर पर ही रह कर उपचार के जरिए ठीक हो रहे हैं. दिल्ली सरकार के द्वारा अभी मरीजों के लिए 13500 बेड का इंतजाम कर लिया गया है. जिनमें से 7500 बेड अभी भी खाली पड़े हैं.
टेस्ट की संख्या बढ़ने से मरीजों की संख्या में इजाफा
केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले तक एक दिन में पांच से छह हजार संक्रमित मरीजों की टेस्ट कर रहे थे. जिनमें से दो से ढाई हजार मामले सामने आ रहे थे. पिछले एक सप्ताह से 18 से 20,000 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं. जाहिर तौर पर जब टेस्ट इतने बड़े पैमाने पर होंगे तो मामले भी बढ़ेंगे. अब तीन से साढ़े तीन हजार मामले रोजाना सामने आ रहे हैं. ज्यादा टेस्ट करेंगे तो मामले थोड़ा ज्यादा आएंगे ही. अच्छी बात यह है कि कुल 74000 मामलों में से 45000 लोग ठीक हो चुके हैं और भी लोग ठीक हो रहे हैं. करीब 2400 लोगों की मौत हुई है अभी तक.
बुराड़ी के अस्पताल में 450 और बेड का होगा विस्तार
केजरीवाल ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली सरकार को आईसीयू बेड की जरूरत पड़ेगी तो कैबिनेट ने आज फैसला लिया है कि बुराड़ी में जो नवनिर्मित अस्पताल बना है उसमें 450 बेड और बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा एलएनजेपी हॉस्पिटल के सामने जिस तरह बैंक्वेट हॉल में 100 बेड का इंतजाम किया गया है. उसी तरह दिल्ली के अलग-अलग जगह पर जो हॉस्पिटल के आसपास बैंक्वेट हॉल है उसमें भी मरीजों के लिए बेड वहां पर छोड़ दिए जाएंगे. जून महीने में शुरुआत में बेड की कमी हुई थी अब स्थिति कंट्रोल में है.
'प्लाज्मा थेरेपी से बचाई जा सकती है जान'
अरविंद केजरीवाल ने प्लाजमा थेरेपी पर कहा कि इसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं. कई सारे प्राइवेट हॉस्पिटल भी प्लाज्मा थेरेपी कर रहे हैं. प्लाज्मा के नतीजे दिखाते हैं कि अगर कोई बहुत ही ज्यादा गंभीर मरीज है तो ऐसे मरीजों को प्लाज्मा देने से बचाया जा सकता है. हमें उम्मीद है प्लाज्मा से हम मौत को कम करने में कामयाब हो सकते हैं.
होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को जो पल्स ऑक्सीमीटर दिए जा रहे हैं उसके बारे में कहा कि हमारा सामान्य ऑक्सीजन लेवल 95 होता है या लेवल 90 या 85 हो जाए और सांस लेने में तकलीफ हो तो अचानक मौत भी हो सकती है. इसलिए सरकार ने पल्स मीटर देने का फैसला लिया और हर आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को यह घर पहुंचा दिया जाएगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहली बार कल एलएनजेपी हॉस्पिटल का जायजा लेने गए थे. वहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मरीजों से बात करने के लिए जो सीसीटीवी लगाए गए हैं इसको देखा. साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले से उन्होंने फोन पर जो बात की थी, उसे भी उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पढ़ के द्वारा सुनाया.