जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़): जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद में बोरवेल के गड्ढे में फंसे 11 साल के राहुल साहू को बचाने राज्य सरकार ने बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही सेना की भी मदद ली जा रही है. राज्य के पांच आईएएस, दो आईपीएस समेत विभिन्न विभागों के 500 से ज्यादा अफसर और कर्मचारी दिन रात एक किए हुए हैं. जांजगीर प्रशासन सक्रियता के साथ बोरवेल से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेश चला रहा है. लगभग 60 फीट गढ्ढे से ऊपर चढ़ने के लिए रैंप जैसा बनाया जा रहा है ताकि बोरवेल से बाहर निकालने और बोरवले तक ड्रिलिंग करने टीम पहुंच सके.
बोरवेल तक सुरंग तैयार करने का रिस्क नहीं लिया जा रहा है. क्योंकि टेक्निकल एक्सपर्ट की सलाह के बाद पाइप को वेल्डिंग करके सुरंग में सपोर्ट के लिए रखा जाएगा. गढ्ढे में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही आगे कोई स्टेप उठाया जाएगा. बड़ी ड्रिलिंग मशीन कैटरपिलर से पत्थरों को तोड़कर बाहर निकाला जा रहा है. रेस्कयू में अब भी 4 से 5 घण्टे लगने की संभावना है.
बोरवेंल्स रोबोटिक एक्सपर्ट रेस्क्यू में जुटी: राहुल साहू को सकुशल बोर से बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन की टीम 3 दिनों से प्रयास में जुटी है. बोर के पास 50 फीट गहरा खोदने के बाद भी अभी रेस्क्यू टीम को टनल खुदाई में भारी मशक्कत करना पड़ रहा है. गुजरात से आए बोरवेंल्स रोबोटिक एक्सपर्ट भी पिहरिद पहुंच गई है और रोबोटिक इक्यूपमेंट को बोर के अंदर डाल कर मुआयना किया और वस्तु स्थिति को भांपते हुए तत्काल नया टेक्निक असेंबल करने में जुट गए है.
राहुल के संबंध में राज्यपाल ने कलेक्टर से ली जानकारी: राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला से फोन पर चर्चा कर राहुल और परिजनों के संबंध में पूरी जानकारी ली हैं. कलेक्टर ने रेस्कयू के संबंध में बताया है कि प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ, सेना सहित जनप्रतिनिधियों के सहयोग से किया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने भी पिहरीद के घटनाक्रम की जानकारी ली. राहत और बचाव के संबंध में अपनी बातें रखी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की परिजन से बातचीत: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉल के जरिए कलेक्टर से मौके की जानकारी लिया और राहुल के परिजनों से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने परिजनों को जल्द से जल्द राहुल से मिलाने की उम्मीद जताई है. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने रेस्क्यू संबंधी जानकारी दी और दोनों ही रेस्क्यू पद्धति को जारी रखने की बात कही है.
मां और बुआ की करुण पुकार: बोर के अंदर फंसे राहुल को बचाने के लिए जिला प्रशासन की टीम जुटी हुई है. वहीं राहुल को नींद ना आए इस बात की चिंता परिवार वालों को भी सता रही है. रेस्क्यू टीम कभी केला खिला रही है तो कभी फ्रूटी दिया जा रहा है. राहुल की मां और बुआ के साथ परिवार का सदस्य उससे बात करने में जुटा है. मां की करुण पुकार सुन कर राहुल अपने हाथ पैर ऊपर नीचे कर रहा है और रेस्क्यू टीम द्वारा भेजे जा रहे खाद्य सामग्री को खा पी रहा है.
प्लान B के तहत निकालने का प्रयास: राहुल को बचाने में जुटी प्रशासन की टीम को रेस्क्यू करते करीब 40 घंटे से ज्यादा बीत चुके है. जिसमें टनल के माध्यम से राहुल को निकालना ही अब संभव दिख रहा है. जिसके लिए बोरवेल के पास 65 फीट का गड्ढा खोदा जा रहा है जो लगभग अपने अंतिम चरण में है. अब इसके बाद सुरंग बनाकर राहुल तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी.
देर रात अधिकारी से स्थिति की ली जानकारी: एनडीआरएफ के अधिकारी एसके त्रिपाठी से हमने रात 3 बजे स्थिति को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कटक (ओडिशा) से एनडीआरएफ टीम यहां आयी हुई है. उनकी टीम लगातार बच्चे को एक्टिव किये हुए है, ताकि बच्चे की हिम्मत बनी रहे. आज बच्चे ने केले खाया है और उसे ओआरएस का घोल पिलाया गया. बच्चे को लगातार हमारे द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है.
प्लान A नहीं हुआ सफल, प्लान B के तहत राहुल को बचाने की कोशिश : एनडीआरएफ के अधिकारी एसके त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रकार की परिस्थिति में हम दो प्रकार से रेस्क्यू करते हैं, जिसमे प्लान A और प्लान B के तहत कार्य किया जाता है. प्लान A में रोप से एंकरिंग कर के रस्सी के माध्यम से बच्चे को ऊपर खींचने का प्रयास करते हैं. वो सफल नहीं होता तो प्लान B के तहत बोरवेल के पास हम पैरलल में गड्ढा खोदते हैं फिर बच्चे के लोकेशन के हिसाब से सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचा जाता है. जिस पर अभी कार्य चल रहा है.
पथरीली जमीन के चलते धीमा हुआ खुदाई कार्य: एनडीआरएफ के रेस्क्यू प्रभारी त्रिपाठी का कहना है कि मौके पर पत्थर निकलना शुरू हो गया, जिसके चलते खुदाई का कार्य कुछ धीमा जरूर हुआ है. मगर कार्य लगभग अंतिम चरण में है. जल्द ही राहुल तक पहुंच जाएंगे.
ऐसी होगी राहुल तक जाने वाली सुरंग: टनल को लेकर उन्होंने बताया कि सुरंग बनाने के लिए मशीन का भी प्रयोग करेंगे. जितना संभव होगा मशीन से काम लेंगे ताकि काम जल्दी हो, उसके बाद मैनुअली काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सुरंग इस हिसाब से बनाया जाएगा कि एक स्ट्रेचर के साथ दो लोग टीम के उसमें घुस सकें और राहुल को वहां से उठाकर बाहर ला सकें.
स्वास्थ्य अमला लगातार कर रहा है मॉनिटर: मौके पर शुक्रवार से स्वास्थ्य अमला भी जमा हुआ है और लगातार राहुल पर नजर बनाए है. राहुल की सेहत को लेकर विशेषज्ञ भी मौके पर लगाये गए हैं, ताकि राहुल को बाहर निकालने तक उसे स्वस्थ्य रखा जा सके. उसके खान-पान और ऑक्सीजन लेवल की मॉनिटरिंग मेडिकल की टीम लगातार कर रही है.
रायपुर से रवाना हुई गुजरात की रोबोटिक रेस्क्यू टीम: बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए शासन-प्रशासन जुटी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बच्चे के ऊपर कैमरा से रखी निगरानी रख रही है. बोर के अंदर पानी ना भरे इसके लिए जिला प्रशासन ने गांव के लोगों को अपना बोर चालू रखने का आह्वान किया है. कोरबा कोयला खदान में उपयोग होने वाला बड़ा ड्रिल मशीन लाया गया. सूरत (गुजरात) से रोबोटिक रेस्क्यू टीम भी रायपुर से पिहरीद के लिए रवाना हो रही है.
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