नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को दिल्ली के जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि जेएनयू विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच में गुंडे पुलिस की देखरेख में घुसकर हिंसा करते हैं और पुलिस उनको एस्कॉर्ट कर जेएनयू से बाहर निकाल देती है.
गहलोत ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों को सस्पेंड नहीं बल्कि उन्हें तो नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पहले से बोल रही है कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और यह घटना उसी की ओर इशारा कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए. गहलोत ने यह भी कहा कि देश में हर काम लीक से हटकर हो रहा है. जहां बजट को लेकर बैठक होती है, उसमें वित्त मंत्री को ही नहीं बुलाया जाता है.
लोगों को एजुकेट करने के लिए छपाक टैक्स फ्री
वहीं फिल्म छपाक को टैक्स फ्री करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म लोगों को शिक्षा देगी लेकिन, इस दौरान वो फिल्म का नाम भूल गए और उनके मुंह से छपाक की जगह छपास निकला, जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री भी हंसने और बोले 20 साल हो गए, कोई फिल्म देखी, ऐसे में कब कौन सी फिल्म लगती है, उन्हें जानकारी नहीं रहती.