नई दिल्ली: ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति भी गम्भीर हो जाती है. इसे लेकर सरकार अपनी तैयारियों में जुट गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में दिल्ली ने अपने प्रदूषण को काफी कम किया है. यहां इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बढ़ी, गाड़ियां भी बढ़ीं, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण 25 फीसदी कम हो गया. लेकिन इस साल हमारे लिए प्रदूषण जानलेवा हो सकता है.
'कम किया 25 फीसदी प्रदूषण'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में हमने बिजली 24 घण्टे की, केंद्र ने इंस्टर्न वेस्टर्न हाइवे बनाया, सभी इंडस्ट्री को हमने पीएनजी पर शिफ्ट कराया, डस्ट पॉल्यूशन कम किया, इन सबसे प्रदूषण कम करने में मदद मिली. लेकिन कोरोना के इस साल में बच्चों के लिए और परिवार के लिए प्रदूषण कम करना है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं, 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध'.
'सभी विभागों के साथ की है मीटिंग'
उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार महीने में हम प्रदूषण के विरूद्ध युद्ध छेड़ रहे हैं. आज सभी विभागों की मैंने मिटिंग ली है, इसमें पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डीपीसीसी जैसे सभी विभाग शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो कदम उठा रहे हैं, उसमें सबसे महत्वपूर्ण है, पराली की समस्या का समाधान. हर साल पराली की समस्या से जो जूझते हैं, उससे निजात के लिए पूसा इंस्टीट्यूट ने एक घोल बनाया है, जिसके इस्तेमाल से पराली का डंठल गल जाता है.
'एंटी डस्ट कैम्पेन भी शुरू'
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार खुद यह घोल बनवाकर छिड़काव करने जा रही है. यह अगर सफल हुआ, तो हम पड़ोसी राज्यों से भी इसे लेकर कह सकते हैं. कल से इसकी शुरुआत हो रही है. दूसरा कैम्पन है, एंटी डस्ट कैम्पेन. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर मिट्टी उड़ने से रोकने के लिए टीमें वहां जाकर जांच करेंगीं. सड़कों के गड्ढों के जरिए भी मिट्टी उड़ती है, सभी विभागों को आदेश दिया गया है कि जिसके अधीन जो सड़क है, वहां के गड्ढे भरे जाएं.
'चिन्हित किए हैं 13 हॉट स्पॉट्स'
मुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे 13 हॉट स्पॉट्स को चिन्हित किया गया है, जहां प्रदूषण फैल रहा है. साथ ही, उसके कारण भी चिन्हित किए हैं कि वहां क्यों प्रदूषण बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदूषण हॉट स्पॉट्स के लिए स्पेसिफिक प्लान बनाया गया है, उसे लागू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हम ग्रीन दिल्ली ऐप बना रहे हैं, इसके जरिए आप प्रदूषण के कारक को लेकर जानकारी दे सकते हैं.
'वार रूम से रखेंगे नजर'
कोई भी व्यक्ति प्रदूषण फैला रहा हो, तो उसकी फ़ोटो ऐप पर अपलोड करें. हर तरह की शिकायत के समाधान के लिए डेडलाइन तय किया गया है. उन्होंने बताया कि एक वार रूम भी बना रहे हैं, जो हर तरह की गतिविधियों पर नजर रखेगा और सबकी रिपोर्ट मेरे पास आएगी. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हम पेड़ काटने के खिलाफ भी अभियान चला रहे हैं. अभी तक यह नियम है कि एक पेड़ काटने पर 10 पौधे लगाना होता है.
'ट्रांसप्लांट करने होंगे 80% पेड़'
लेकिन अब हमने नियम बनाया है कि अगर कोई एजेंसी पेड़ काटती है, तो उसके 80 फीसदी पेड़ ट्रांसप्लांट करके लगाने होंगे और बाकी के काटे गए पेड़ों के 10 गुना पेड़ लगाने होंगे. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक व्हेकिल पॉलिसी को भी हम लागू कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी नीतियां हम दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर लागू करेंगे. आसपास के राज्यों से भी अपील है कि सब मिलकर काम करें, क्योंकि हवा राज्य नहीं देखती.
'किसानों की मदद करें सरकारें'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पंजाब के कई किसानों से बात की, उनका कहना था कि हम तो खुद परेशान हैं, क्योंकि पराली का धुआं पहले हमारे लिए खतरा बनता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्य किसानों की मदद करें, जैसे दिल्ली सरकार कर रही है. यह पराली किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. एनसीआर के इलाकों में चल रहे कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स और ईंट भट्ठों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्यों से अपील की.
'बंद हों कोयले वाले पावर प्लांट्स'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के इलाके में बिजली बनाने के 11 कोयले के प्लांट चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी ऐसे दो प्लांट थे, जिन्हें दिल्ली सरकार ने बंद कर दिया, हम पड़ोसी राज्य सरकारों से भी अपील कर रहे हैं कि इन्हें बंद करें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसम्बर 2019 तक इन्हें बंद करने का आदेश दिया था. पड़ोसी राज्यों में चल रहे ईंट भट्ठों को भी मुख्यमंत्री ने बंद करने की अपील की.