चंडीगढ़: बीजेपी ने चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव जीत लिया है. जिसके बाद आप पार्षदों ने सदन में हंगामा किया. मेयर की कुर्सी के पीछे ही आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद धरने पर बैठ गए हैं. डीसी विनय प्रताप सिंह को भी मौके पर रोक लिया गया है. नगर निगम के अंदर मार्शल बुलाए गए हैं. सदन में धक्का-मुक्की जारी है.
चुनाव में कुल 28 वोट पड़े थे. जिसमें 14 बीजेपी के खाते में गए, 13 वोट आम आदमी पार्टी के खाते में गए. वहीं आम आदमी पार्टी का एक वोट कैंसिल हो जाने से नतीजा बीजेपी के पक्ष में गया. बीजेपी की सरबजीत कौर को चंडीगढ़ का मेयर (sarabjit kaur chandigarh new mayor) चुन लिया गया है.
कांग्रेस के सात पार्षद और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद मतदान के लिए नहीं पहुंचे थे. यानी 8 पार्षद मतदान प्रक्रिया से दूर रहे. मेयर पद के चुनाव के लिए कुल 28 वोट पड़े थे.
चंडीगढ़ में कुल 35 वार्ड है. जिसमें से कांग्रेस के सात पार्षदों और अकाली दल के एक पार्षद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. इस हिसाब से कुल 28 वोट रह गए. इस स्थिति में मेयर चुने जाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 19 से घटकर 15 हो गया. कांग्रेस को निकालकर बचे 28 पार्षदों में से 14 आम आदमी पार्टी के पास बचे थे. जबकि भाजपा के पास भी 14 (13 पार्षद और एक सांसद) वोट थे. आम आदमी पार्टी का एक वोट कैंसिल होने से बीजेपी का मेयर उम्मीदवार जीत गया.
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चंडीगढ़ मेयर पद का पहला और चौथा साल महिला उम्मीदवार के लिए, तीसरा साल एससी और दूसरा व पांचवां साल सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए आरक्षित होता है. चंडीगढ़ में मेयर 1 साल के लिए चुना जाता है. मेयर की सीट पहले साल के लिए महिला उम्मीदवार के लिए रिजर्व होती है. कहा जा रहा है कि मेयर चुनाव में कांग्रेस पार्टी हिस्सा नहीं लेगी. अगर ऐसा हुआ तो टक्कर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच रहेगी. दोनों में से जिसके उम्मीदवार के पास ज्यादा वोट पड़ेगा उसके कैंडिडेट को मेयर चुन लिया जाएगा.
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